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सिसोदिया का आरोप- अनिल बैजल कर रहे हैं IAS अधिकारियों को समर्थन

मनीष सिसोदिया का आरोप है कि अनिल बैजल अधिकारियों को समर्थन दे रहे हैं और उन्हें गरीब जनता की परवाह नहीं है

FP Staff

चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ आप विधायकों द्वारा कथित हमले के बाद अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल पर आईएएसस अधिकोरियों को समर्थन करने का आरोप लगाया है.

मनीष सिसोदिया का आरोप है कि अनिल बैजल अधिकारियों को समर्थन दे रहे हैं और उन्हें गरीब जनता की परवाह नहीं है. दरअसल दो दिन पहले मनीष सिसोदिया ने बैजल को चिट्ठी लिख कर अनुरोध किया था कि वह अधिकारियों को मंत्रियों द्वारा बुलाई गई मीटिंग में जाने का आदेश दें. मगर मनीष सिसोदिया का कहना है कि बैजल ने आदेश देने के बजाय मुख्यमंत्री को ही नसीहत भरी चिट्ठी भेज दी है.


सिसोदिया ने कहा कि इससे जाहिर है कि आप आईएएस यूनियन के उस फतवे का खुलकर समर्थन कर रहे हैं जिसके तहत जूनियर अधिकारियों तक को मंत्रियों से बात न करने, मीटिंग में ना जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

सिसोदिया ने चिट्ठी के जरिए उपराज्यपाल अनिल बैजल पर आरोप लगाया है कि हजारों लोगों को उनके चलते सैलरी नहीं मिल रही है. उन्होंने लिखा 'आपकी चिट्ठी ने अधिकारियों का मनोबल बढ़ा दिया है. अगर ये गरीब आंगनवाड़ियों का वेतन तीन-तीन महीने तक रोक कर रखेंगे तो मैं तो इनसे लड़ूंगा. आप तय कर लें कि आपको किस तरफ खड़े होना है. एलजी होने के नाते, सर्विस विभाग का प्रमुख होने के नाते मेरी आपसे विनती जरूर है कि इनकी सैलरी रोकने के लिए जिस भी विभाग का जो भी अधिकारी जवाबदेह हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

देश की किसी आईएएस यूनियन ने कभी अपने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ फतवा जारी नहीं किया जिनके निकम्मेपन या करप्शन की वजह से गरीब घरों के चूल्हे महीनों तक जलने मुश्किल हो जाते हैं.'

उपराज्यपाल की चिट्ठी

दो दिन पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर उन्हें आत्ममंथन करने की नसीहत दी थी. बैजल ने लिखा था कि ये विचार करने का वक्त है कि आज दिल्ली में शासन व्यवस्था को लेकर ऐसे हालात कैसे पैदा हो गए. उपराज्यपाल ने ये भी कहा कि मुख्य सचिव के साथ हुई घटना से न केवल दिल्ली, बल्कि समूचे देश की नौकरशाही सकते में है. उन्होंने मुख्यमंत्री को ये नसीहत भी दी कि उन्हें सरकार के अफसरों व कर्मचारियों से सीधे बात करनी चाहिए क्योंकि आज ये सभी खुद को पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

चीफ सेक्रेटरी की चिट्ठी

इससे पहले बुझवार को बजट सत्र पर कैबिनेट मीटिंग से पहले दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने लिखा था, "वे मीटिंग में तभी शामिल होंगे, जब सीएम ये सुनिश्चित करें कि उनपर किसी तरह का हमला या मौखिक टिप्पणी नहीं की जाएगी.''

क्या था पूरा मामला ?

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक बैठक के दौरान आप विधायक अमानतुल्लाह खान और अन्य कार्यकर्ता ने उनके ऊपर हमला किया और मारपीट की थी. इसके बाद दिल्‍ली पुलिस ने आप विधायक और अन्‍य के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी. इसके बाद दिल्‍ली के सरकारी अधिकारियों ने चीफ सेक्रेटरी के साथ हुई मारपीट के बाद विरोध में आंदोलन शुरू किया था और काम पर न आने का एलान किया था. सरकारी अधिकारियों ने मौन रखकर भी विरोध जताया था.