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बीजेपी नेताओं की संस्थाओं में कर्मचारियों को नहीं मिलती न्यूनतम मजदूरी: मनीष सिसोदिया

सिसोदिया का कहना है कि बीजेपी नेताओं की संस्थाओं में कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है.

Bhasha

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विभिन्न संस्थाओं में श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए श्रम विभाग के जरिए चलाए जा रहे अभियान के हवाले से कहा है कि बीजेपी नेताओं की संस्थाओं में कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है.

सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय के जरिए न्यूनतम वेतन के संबंध में दिल्ली में चलाए जा रहे अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि बीजेपी नेताओं के शिक्षण संस्थानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में कर्मचारियों को ना तो अतिरिक्त काम के पैसे मिल रहे हैं, ना ही चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.


सिसोदिया ने कहा कि श्रम विभाग ने पिछले कुछ दिनों में 182 संस्थानों की जांच की है. इनमें से 165 जगहों पर न्यूनतम मजदूरी कानून का उल्लंघन पाया गया. जिसमें कुछ सरकारी अस्पताल, कुछ प्राइवेट अस्पताल, कुछ प्राइवेट कंपनियां और ताज होटल जैसे संस्थान भी पाए गए हैं. चार कंपनियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं. बाकी जगहों पर जहां कानून का उल्लंघन पाया गया उन सभी को नोटिस जारी कर दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि श्रम कानून का उल्लंघन कर रहे संस्थानों में बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल, बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी, पूर्व विधायक नंदकिशोर गर्ग, सुभाष सचदेवा, कुलवंत राणा और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधांशु मित्तल के शैक्षिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान शामिल हैं.

सिसोदिया ने इन नेताओं की संस्थाओं में श्रम कानून के पालन की खामियों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें तैनात सुरक्षा कर्मियों और अन्य कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी का श्रमिक और गरीब विरोधी चेहरा उजागर हो गया है.