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मणिपुर विधानसभा में भीड़ हिंसा विरोधी विधेयक पारित, अब मिलेगी ऐसी सजा

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने विधानसभा में मणिपुर भीड़ हिंसा से संरक्षण विधेयक, 2018 सदन के पटल पर रखा

FP Staff

मणिपुर विधानसभा ने भीड़ हिंसा में किसी की मौत होने पर संलिप्त लोगों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान करने वाले एक विधेयक को पारित कर दिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने विधानसभा में मणिपुर भीड़ हिंसा से संरक्षण विधेयक, 2018 सदन के पटल पर रखा. उनके पास गृह मंत्रालय का भी प्रभार है. बीते शुक्रवार को सदन ने इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इसमें कहा गया है कि पीड़ित की मौत पर हिंसा में शामिल लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकेगी.

मणिपुर विधानसभा में इससे संबंधित विधेयक पारित किया गया


बता दें कि देश में कई भीड़ हिंसा के मामले सामने आने के बाद मांग तेज होने लगी थी कि इसके लिए कानून बनाया जाए. अब मणिपुर विधानसभा में इससे संबंधित विधेयक पारित किया गया है. वहीं बीते शुक्रवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य विधानसभा को सूचित किया कि मणिपुर और नागालैंड की सीमा से सटी जुकोउ घाटी और तुंगजॉय गांव को प्रभावित करने वाले सीमा विवाद का दोनों राज्य स्थायी हल निकालेंगे. वह पिछले महीने नागालैंड में आठ मणिपुरी ट्रैकरों की गिरफ्तारी पर कांग्रेस विधायक के मेघाचंद्र द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे.

दो-तिहाई घाटी मणिपुर में है जबकि एक तिहाई नागालैंड में है

बीरेन ने कहा कि दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता नहीं कहता कि जुकोउ घाटी नागालैंड की संपत्ति है. उन्होंने कहा, गौर करने वाली बात यह है कि दो-तिहाई घाटी मणिपुर में है जबकि एक तिहाई नागालैंड में है. उन्होंने मणिपुर के सेनापति जिले में माओ इलाके से जुकोउ घाटी की ओर जाने वाली सड़क के निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने की घोषणा भी की. उन्होंने कहा, इसके अलावा एक पर्यटक लॉज का भी निर्माण किया जाएगा.