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गुरुग्राम गैंगरेप केस: तीसरा आरोपी भी गिरफ्तार, पुलिस ने मानी गलती

मानेसर गैंगरेप मामले में फरार चल रहे तीसरे आरोपी को बुलंदशहर से गिरफ्तार किया गया.

FP Editors

महिला के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी नौ महीने की बच्ची की हत्या के करीब नौ दिन बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मानेसर गैंगरेप मामले में फरार चल रहे तीसरे आरोपी को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार किया गया है. जबकि दो अन्य आरोपियों को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था. महिला से बलात्कार के दौरान आरोपियों ने बच्ची का रोना बंद करवाने के लिए उसे फुटपाथ पर पटक दिया था.

इससे पहले गुड़गांव के पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने बताया था कि आरोपी योगेंद्र को गुड़गांव में उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अमित को कुछ घंटे बाद शहर से गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस आयुक्त ने कहा कि तीनों आरोपी हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गुड़गांव आए थे.

पुलिस ने मानी गलती

पुलिस ने मानेसर के औद्योगिक क्षेत्र में 29 मई को हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या के घटनाक्रम को जोड़ा और स्वीकार किया कि जांच में गलती हुई है. गुड़गांव के पुलिस आयुक्त खिरवार ने स्वीकार किया कि प्राथमिकी में बलात्कार की धारा जोड़ने में कुछ लापरवाही और गलती हुई है. हम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. एक महिला उपनिरीक्षक को निलंबित किया गया है. यह भी सामने आया है कि जांच के दौरान मेडिकल और अन्य प्रक्रिया में भी देरी हुई है. सूचनाओं के अनुसार, पुलिस ने शुरूआत में सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज नहीं किया, घटना के पांच दिन बाद उन्होंने प्राथमिकी में यह धारा जोड़ी.

गुड़गांव के 'मिलेनियम टाउन' से कुछ ही दूरी पर हुई चार घंटे की इस भयानक घटना के बारे में 23 वर्षीय पीड़िता ने संवाददाताओं से बात की. महिला ने पुलिस थाने के बाहर संवाददाताओं से कहा, मेरी बच्ची मर गई और मुझे पता भी नहीं चला.

कैसे, कब क्या हुआ

महिला खांडसा गांव स्थित अपने मायके जा रही थी. इस दौरान उसने एक ट्रक से लिफ्ट मांगी. ट्रक चालक ने उसके साथ बदसलूकी की, लेकिन विरोध करने पर बेहद भीड़भाड वाले एनएच-8 पर उतार दिया. उसी दौरान नशे में धुत्त तीन लोग एक टेम्पो में आये और उसे घर तक छोड़ने की बात कहने लगे. महिला ने कहा, मैं इंतजार कर रही थी, उसी दौरान बीयर पीते हुए लोग एक टेम्पो में मेरे पास आए और पूछने लगे कि मैं अकेले कहां जा रही हूं. उन्होंने मुझपर हमला कर दिया. जब मेरी बच्ची रोने लगी तो, उन्होंने उसका मुंह दबाकर चुप कराने का प्रयास किया. फिर बच्ची को फुटपाथ पर फेंक दिया. मैंने उनसे छोड़ देने की विनती की, कहा कि मेरी बच्ची रो रही है. इसके बाद उन्होंने सड़क पर मेरा बलात्कार किया.

चार घंटे तक महिला के साथ बलात्कार करने के बाद वह भाग गए. यह जाने बगैर कि बच्ची मर चुकी है, महिला वहां गई जहां उसकी बच्ची को फेंका गया था, उसे उठाया और अस्पताल पहुंची. वहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची मर चुकी है. हार माने बगैर, यह 23 वर्षीय मां अपनी बच्ची का निर्जीव शरीर लेकर दिल्ली मेट्रो में चढ़ी और उसे लेकर दिल्ली के एक अस्पताल में दिखाने आयी. बाद में वह गुड़गांव के एमजी रोड मेट्रो स्टेशन गयी, जहां उसका पति इंतजार कर रहा था.

अस्पताल प्रशासन के खिलाफ होगी कार्रवाई

महिला द्वारा बच्ची को अस्पताल ले जाये जाने के बारे में उन्होंने कहा, अस्पताल प्रशासन ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया था लेकिन पुलिस को सूचित नहीं किया. हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. सभी आरोपी और महिला मानेसर के बस खुसला गांव में किराये के मकान में रहते थे. महिला पति और पड़ोसियों के साथ झगड़ा होने के बाद 29 मई की रात को घर से निकली थी.

(इनपुट एजेंसियों से)