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फिल्मों में रोमांस से छेड़छाड़ को मिलता है बढ़ावा : मेनका गांधी

'गोवा महोत्सव 2017' में मेनका गांधी ने कहा- फिल्मों में रोमांस की शुरुआत हमेशा छेड़छाड़ से होती है

Bhasha

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने फिल्म इंडस्ट्री पर रोमांस के नाम पर छेड़खानी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.


'गोवा महोत्सव 2017' में हिस्सा लेने के दौरान मेनका गांधी ने कहा, ‘अगर आप फिल्मों की तरफ देखें तो पिछले 50 साल से फीचर फिल्मों का इस्तेमाल संदेश देने के लिए किया जा रहा है. फिल्में संदेश देने का एकमात्र माध्यम हैं. मैं भारत में बनने वाली हर भाषा की फीचर फिल्मों की बात कर रही हूं. रोमांस हमेशा छेड़खानी के साथ शुरू होता है.’

उन्होंने कहा, ‘फिल्मों में रोमांस की शुरुआत छेड़छाड़ से होती है. एक शख्स और उसके दोस्त महिला को घेर लेते हैं और आगे-पीछे चलते हैं. उसे गलत तरीके से छूते हैं और धीरे-धीरे वह उस व्यक्ति से प्यार करने लगती है. इसके बाद और चीजें भी आती हैं. वह किसी से या अन्य लोगों से लड़ता है और उसे पा लेता है.’

हिंसा के प्रचार के लिए माध्यम का इस्तेमाल

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इसकी हमेशा शुरुआत हिंसा से होती है और जब हम आज की फिल्मों की बात करते हैं तो वह बिल्कुल 1950 के दशक की तरह की ही है. हमें इस पर विचार करना चाहिए कि क्या हम हिंसा के प्रचार के लिए इस माध्यम का इस्तेमाल कर रहे हैं.’

मेनका ने कहा, ‘व्यक्ति की दुर्बलता की परिणति भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा के रूप में होती है. व्यक्ति की बेबसी, उस पर चिल्लाया जाना और उसका नौकरी खोना भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा का एक कारण है.’