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मंदसौर: 7 साल की बच्ची से गैंगरेप मामले में 2 महीने के भीतर दो दोषियों को फांसी की सजा

इससे पहले कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था

FP Staff

मंदसौर में सात साल की बच्ची के साथ गैंगरेप के मामले में दोनों आरोपी इरफान और आसिफ को कोर्ट ने दोषी पाया है. मंदसौर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए दोनो दोषियों को फांसी की सजा दी है. इससे पहले कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.

इस मामले में ट्रायल 20 जुलाई से शुरू हुआ था. इस दौरान दोषियों के खिलाफ 37 गवाह पेश हुए थे. 8 अगस्त तक ट्रायल चलने के बाद 14 अगस्त को दोनों पक्षों में बहस हुई जिसके बाद 21 अगस्त को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

इससे पहले मंदसौर रेप पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल करने वाली नर्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मासूम बच्ची की तस्वीर लेने के अपराध में इंदौर के एमवाय अस्पताल की नर्स के खिलाफ जेजे एक्ट, पॉक्सो एक्ट (धारा 23) और आईपीसी की धारा 228 (क) के तहत केस दर्ज किया गया था.

क्या था मामला?

28 जून को नाबालिग अपने स्कूल के बाहर अकेले  इंतजार कर रही थी. इतने में दो दोषी इरफान और आसिफ ने उसे देखा और मिठाई का लालच देकर अपने साथ ले गए. दोनों ने लक्ष्मण गेट पहुंचकर उसके साथ बलात्कार किया और बाद में उसे मृत समझकर एक सुनसान जगह पर फेंक दिया.

इस घटना ने 2012 दिल्ली गैंगरेप की यादों को ताजा कर दिया था. लड़की का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि लड़की की नाक को बहुत बुरी तरीके से काटा गया था. वहीं उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी गई थी. लड़की को बचाने के लिए डॉक्टरों को उसकी तीन सर्जरी करनी पड़ी और उसकी कुछ नसों को भी काटना पड़ा.