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राष्ट्रगान के वक्त खड़ा नहीं होने पर दिव्यांग को कहा 'पाकिस्तानी'

गुवाहाटी में फिल्म शुरू होने से पहले थियेटर में एक शख्स को राष्ट्रगान के वक्त खड़े ना होने पर लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा

FP Staff

पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सभी सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना और इस दौरान खड़ा होना अनिवार्य कर दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को संशोधित करते हुए यह कहा था कि इससे दिव्यांगों और बुजुर्गों को छूट है और उन्हें सिर्फ सम्मान प्रकट करना है.

लेकिन पिछले दिनों ऐसी कई घटना हो चुकी है जब दिव्यांगों और बुजुर्गों को राष्ट्रगान के वक्त खड़ा नहीं होने पर अपमान का सामना करना पड़ा.


ऐसी ही एक घटना गुवाहाटी में हुई. गुवाहाटी में फिल्म शुरू होने से पहले थियेटर में एक शख्स को राष्ट्रगान के वक्त खड़े ना होने पर लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. जबकि शख्स दिव्यांग था और व्हीलचेयर पर बैठा था. इसलिए वो राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होने में समर्थ नहीं था. खबर के अनसुार अरमान अली (36) थियेटर में सबसे अगली पंक्ति में बैठे थे. जिस वक्त राष्ट्रगान बजा वो उसके सम्मान में सीधे बैठ गए.

जब राष्ट्रगान खत्म हुआ पीछे खड़े दो लोगों ने इसके लिए उनके खिलाफ गद्दी भाषा का इस्तेमाल किया. और कहा, ‘सामने एक पाकिस्तानी बैठा है.’ ये बात उन दोनों में से एक शख्स ने कही. यह घटना 29 सितंबर की है.

अरमान अली ने बताया, ‘जब मैंने पीछे मुड़कर देखा वो मेरी तरफ देख रहे थे. उन्होंने मुझे पाकिस्तानी कहा. किसी को भी पाकिस्तानी कहना कितना आसान होता है. चाहे वो शख्स खड़ा हो सकता हो या नहीं. शायद उनकी ये राष्ट्रीय ड्यूटी है कि मैं राष्ट्रगान के वक्त खड़ा नहीं हुआ तो मेरे ऊपर टिप्पणी करें.’

अरमान अली एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) शिशु सारोथी के कार्यकारी निदेशक हैं. ये संस्था दिव्यांगों के सशक्तिकरण और उनके विकास के लिए कार्य करती है. अरमान कहते हैं, ‘हमारे समाज में ये क्या आ गया है. मैं अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजीआई) को इस बारे में पत्र लिखने की सोच रहा हूं.’