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EC की बैठक से पुलिस कमिश्नर के दूर रहने पर ममता बनर्जी ने मांगी माफी

मीटिंग में पुलिस कमिश्नर राजीव के शामिल ना होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया था

FP Staff

चुनाव आयोग की मीटिंग में कलकत्ता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के शामिल नहीं हो सकने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से माफी मांगी है. बनर्जी ने कहा, 'राजीव कुमार पिछले तीन साल से भी अधिक समय से शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में काम कर रहे हैं. फिलहाल वह छुट्टी पर हैं. अगर मुख्य चुनाव आयुक्त को उनके मीटिंग में शामिल नहीं होने पर आपत्ति हुई है, तो मुझे इसके लिए खेद है.'

गुरुवार को हुई मीटिंग में राजीव के शामिल ना होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया था. मीटिंग में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई थी.


पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव और गृह सचिव के साथ शुक्रवार की बैठक के दौरान, राजीव कुमार को पद से हटाने के लिए आयोग का सख्त निर्देश था. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, यदि कोई अधिकारी एक ही स्थान पर तीन साल से अधिक समय से पोस्टेड है, तो उसे चुनाव कर्त्वयों का कार्य नहीं सौंपा जा सकता. ऐसे में राजीव कुमार को उनके पद से हटाने का निर्देश जारी किया गया था.

एक ही जगह और पोस्ट पर 3 साल से अधिक बिताने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर का निर्देश

1989 बैच के आईपीएस अधिकारी, राजीव कुमार ने जनवरी 2016 में सिटी एसपी सुरजीत कर पुरकायस्थ की जगह ली थी. मीडिया से बातचीत करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, चुनाव आयोग को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि शहर के पुलिस आयुक्त मीटिंग में शामिल क्यों नहीं हुए. हमने इस मामले में पुलिस आयुक्त के नियंत्रण अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है.'

कुमार के मीटिंग में शामिल ना होने का कारण पूछे जाने पर अरोड़ा ने कहा कि किसी ने उन्हें बताया कि उनका जन्मदिन था. आयोग ने पिछले महीने ही सभी राज्य सरकारों को अपने गृह जिलों में तैनात अधिकारियों और पिछले चार वर्षों में एक पोस्ट में तीन साल बिताने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर का निर्देश दिया था.

लोकसभा पैनल या विधानसभा चुनावों से पहले इस तरह के निर्देश जारी करना पोल पैनल के लिए सामान्य है. पैनल यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी किसी भी तरह से चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें और यह पूरी प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष बनी रहे.