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ब्रिटेन की अदालत में मंगलवार को माल्या के वकील रखेंगे दलील

माल्या को स्कॉटलैंड यार्ड ने इस साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया था

FP Staff

भारत में 9,000 करोड़ रुपए की कर्ज धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वांछित शराब कारोबारी विजय माल्या ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के दूसरे दिन अपने वकीलों के साथ मंगलवार को पुन: उपस्थित होंगे. उनके वकील इस मामले में अपनी दलीलें रखेंगे.

माल्या, 61 साल, वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मंगलवार को फिर पहुंचेंगे. उनके वकीलों की टीम की अगुआई बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी कर रही हैं. उनकी टीम विमानन विशेषज्ञ डॉ हंफ्रेज की गवाही के बाद अपना पक्ष रखेगी.


मामले की सुनवाई के पहले दिन भारत सरकार की तरफ से पैरवी कर रही क्राउन प्रोस्क्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने अपनी दलीलें रखी थी. उसका इस बात पर जोर था कि माल्या को धोखाधड़ी के मामले का जवाब देना है.

सीपीएस ने माल्या द्वारा तीन स्तर पर बेईमानी करना बताया. उसने कहा था कि सबसे पहले बैंकों से ऋण लेने के लिए गलत प्रस्तुति की गई, उसके बाद धन का दुरुपयोग हुआ और अंत में बैंकों द्वारा ऋण वापस मांगे जाने पर भी गलत कदम उठाए गए.

सीपीएस के वकील मार्क समर्स ने कहा, ‘एक ईमानदार आदमी की तरह व्यवहार करने या करारनामे के हिसाब से काम करने के बजाए वह बचाव के प्रयास करते रहे.’

समर्स ने अदालत से कहा, भारत सरकार ने कहा है कि एक अदालत द्वारा यह निष्कर्ष निकालने के पर्याप्त कारण हैं कि बैंकों के कर्ज धोखाधड़ी की जद में थे और आरोपी का इनके भुगतान का कभी इरादा नहीं था.

सीपीएस ने इससे पहले स्वीकार किया था कि बैंकों द्वारा कर्ज को मंजूरी देते समय आंतरिक प्रक्रियाओं में कुछ अनियमितताएं हुई होंगी लेकिन इस मुद्दे पर भारत में बाद में सुनवाई होगी.

समर्स ने कहा, ‘मामले में जोर माल्या के आचरण और बैंकों को गुमराह करने एवं कर्ज राशि के दुरुपयोग पर है.’ उन्होंने मामले में पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया. इसमें नवंबर 2009 में किंगिफशर एयरलाइंस द्वारा आईडीबीआई बैंक से मांगे गए कर्ज पर विशेष जोर था.

माल्या को स्कॉटलैंड यार्ड ने इस साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया था. वह 6.5 लाख पौंड की जमानत राशि पर बाहर हैं. वह खुद ही मार्च 2016 से भारत से बाहर ब्रिटेन में रह रहे हैं.