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मालेगांव ब्लास्ट: 9 साल बाद कर्नल पुरोहित जेल से रिहा, 3 ट्रकों में लेने पहुंचे जवान

मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी रहे लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है

FP Staff

मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी रहे लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित नवी मुंबई में तलोजा जेल से रिहा हो गए हैं. कर्नल पुरोहित नौ सालों बाद रिहा हुए हैं. उन्हें लेने के लिए तीन ट्रकों में भरकर सेना के जवान पहुंचे हैं. पुरोहित पर बम सप्लाई का आरोप है. सोमवार को कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन, कुछ कागजी कार्यवाही के कारण मंगलवार को रिहाई नहीं हुई थी. कर्नल पुरोहित की रिहाई नौ साल बाद हो रही है.

जमानत पर रिहा होने के बाद पुरोहित अपनी यूनिट को रिपोर्ट करेंगे. हालांकि, सर्वोच्च न्यायलय ने पुरोहित को सशर्त जमानत दी है, वो कोर्ट की अनुमती के बिना विदेश नहीं जा सकेंगे.

इसी साल अप्रैल में कर्नल पुरोहित ने बाम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी. इसी मामले में दोषी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बाम्बे हाई कोर्ट ने बीते अप्रैल में जमानत दे दी थी.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मालेगांव के अंजुमन चौक तथा भीकू चौक पर 29 सितंबर 2008 को बम धमाके हुए थे. इनमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हुए थे. इन धमाकों में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी. इस मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने की थी, जो बाद में एनआईए को सौंपी गई थी.

मंगलवार को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कर्नल पुरोहित ने कहा कि सेना ने उन्हें निराश नहीं किया और उन्हें हमेशा सेना और अपने सहयोगियों पर विश्वास था जिन्होंने उनका साथ नहीं छोड़ा. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे कभी नहीं लगा कि मैं सेना से बाहर था.'

पुरोहित ने कहा कि वह फिर से सैन्य वर्दी को पहनने के लिए काफी उत्सुक हैं. उन्होंने आगे कहा कि जमानत मिलने पर वो अपने परिवार से मिलने जाएंगे. कर्नल पुरोहित की पत्नी के मुताबिक जेल से छूटने के बाद पुरोहित सबसे पहले कोलाबा डिफेंस यूनिट जाएगें. उसके बाद सेंसन कोर्ट की सुनवाई होगी और शाम को वह अपने घर पुणे के लिए रवाना होगें.

(साभार न्यूज 18)