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मालेगांव बम ब्लास्ट केस: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, मुझे कांग्रेस और चिदंबरम ने फंसाया

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी

FP Staff

जमानत पर रिहा हुईं मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर गुरुवार को मीडिया के सामने आईं. उन्होंने नौ साल तक जेल में रखे जाने और भगवा आतंकवाद की थ्योरी के लिए पूर्व की यूपीए सरकार पर आरोप लगाए हैं.

उन्होंने पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का नाम लेकर कहा कि कांग्रेस सरकार ने षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया. साध्वी ने खराब सेहत के लिए एटीएस मुंबई की प्रताड़ना को जिम्मेदार बताया.


जमानत के लिए हाई कोर्ट को धन्यवाद कहते हुए उन्होंने कहा कि अभी जो सरकार केंद्र में है वह षड्यंत्र नहीं करती और न्याय दिलाती है.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सबसे पहले पिछले 9 सालों में आतंकवादी और नक्सली हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कहा, 'यूपीए सरकार के षड्यंत्र रूपी काले सागर और अन्याय सहकर मैं 9 साल बाद जेल के बंधन से आधी मुक्त हुई हूं. अभी मेरा केस मुंबई हाई कोर्ट में चलेगा.'

उन्होंने कहा, 'मैं अभी मानसिक रूप से बंधन में रहूंगी. मैं कोर्ट को धन्यवाद करती हूं कि इतने वर्षों में सही, लेकिन न्याय के लिए सुना और मुझे इलाज का अवसर दिया.'

कांग्रेस ने गढ़ा था ‘भगवा आतंकवाद’ का शब्द

उन्होंने मीडिया को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि शुरू में तो उन्हें आतंकवादी तक कह दिया गया, लेकिन ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द मीडिया को पसंद नहीं आया.

‘भगवा आतंकवाद’ शब्द प्रयोग के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम का नाम लेते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, 'जो विधर्मी होते हैं उनके लिए तो भगवा बुरा ही है. यह तो निश्चित है कि भगवा आतंकवाद कांग्रेस का षड्यंत्र था. इसे साबित करने के लिए कहानी रची गई. एनआईए तो अभी भी वही है. कोई भी एजेंसी सीधी होती है. एजेंसी जांच करती है और जो भी परिणाम लाते हैं वे आपके सामने हैं.'

मुंबई एटीएस पर आरोप लगाते हुए साध्वी ने कहा कि उन्हें गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार कर सूरत से मुंबई ले जाया गया और 13 दिनों तक प्रताड़ना दी गई.

एटीएस मुंबई ने किया प्रताड़ित

कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'मैं उस समय पूरी तरह फिट थी, लेकिन आज पराश्रित हूं. इसके लिए एटीएस मुंबई की प्रताड़ना जिम्मेदार है. एटीएस की प्रताड़ना से मेरे फेफड़े की झिल्ली फट गई. मुझे मानसिक और शारिरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. लेकिन मैं भीतर से नहीं टूटी. मुझे जितना प्रताड़ित किया गया उतना तो गुलाम भारत में भी किसी महिला को प्रताड़ित नहीं किया गया होगा.'

उन्होंने इसके लिए तत्कालीन एटीएस प्रमुख और मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे का भी नाम लिया.

खुद को सौ फीसदी निर्दोष बताते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, 'भगवा आतंकवाद का पूरा स्क्रिप्ट देख लीजिए. इन्होंने कहानी बनाकर सिद्ध करने की कोशिश. लेकिन सिद्ध हो चुका है कि भगवा आतंकवाद नहीं होता. लोअर कोर्ट से सजा होना अपराधी होना नहीं है.'

क्या है मामला?

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी और तकरीबन 80 लोग जख्मी हो गए थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को 2008 में ही गिरफ्तार किया गया था.

अदालत ने 25 अप्रैल को साध्वी को जमानत देते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अपना पासपोर्ट सौंपने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर वह एनआईए अदालत में रिपोर्ट करें.