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शोपियां मुठभेड़ मामला : SC ने चेताया, मेजर आदित्य के खिलाफ न हो कड़ी कार्रवाई, FIR पर भी रोक

देश की शीर्ष अदालत ने यह आदेश भी दिया कि मेजर आदित्य के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई न की जाए

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने शोपियां फायरिंग केस में सोमवार को मेजर आदित्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी और केंद्र व जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस देकर तलब किया.

देश की शीर्ष अदालत ने यह आदेश भी दिया कि मेजर आदित्य के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई न की जाए.

सुप्रीम कोर्ट में मेजर आदित्य का केस देख रहीं वकील ऐश्वर्या भाटी ने कहा, अदालत ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस भेजा है. हमने कोर्ट से आग्रह किया है कि याचिका की एक कॉपी देश के अटॉर्नी जनरल (एजीआई) को भी भेजी जाए. हमारी मांग है कि एजीआई इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करें.

वकील भाटी ने कहा, हमारे आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि मेजर आदित्य के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होगी. साथ ही उनके ऊपर दर्ज एफआईआर पर भी रोक लगा दी गई है. यह हमारे लिए काफी अच्छी बात है.

रक्षा अधिकारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

इसी मामले में मुंबई में सोमवार को कई रक्षा अधिकारियों ने शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज कराया. इनकी मांग थी कि शोपियां मामले में मेजर आदित्य पर दर्ज एफआईआर को फौरन वापस लिया जाए. रक्षा अधिकारियों ने मेजर आदित्य के खिलाफ दर्ज केस को गैर-कानूनी बताते हुए एफआईआर वापस लेने की मांग उठाई.

क्या कहा एएसजी ने?

एएसजी ने इस मामले में कहा, देश की शीर्ष अदालत ने मेजर आदित्य के खिलाफ एफआईआर पर कार्रवाई करने से मना कर दिया है. मेजर आदित्य ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए जो कुछ किया, उसके लिए जम्मू एवं कश्मीर की पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती.

आदित्य के पिता गए हैं कोर्ट

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में पत्थरबाजों की भीड़ पर फायरिंग के मामले में अपने बेटे के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर मेजर आदित्य के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मेजर के पिता ने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा मेजर आदित्य के खिलाफ दायर की गई एफआईआर को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

याचिका में कहा गया है कि जिस तरह से एफआईआर दर्ज करने की घटना को दिखाया जा रहा है उससे राज्य के राजनीतिक नेतृत्व, प्रशासन के उच्च पदों पर बैठे लोगों और राज्य के अत्यतंत प्रतिकूल वातावरण को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि मेजर आदित्य और 10 गढ़वाल राइफल्स के खिलाफ हत्या और हत्या करने की कोशिश के लिए मुकदमा दर्ज किया गया था. इससे सेना के कर्तव्य निर्वहन में और आर्मी जवानों के मनोबल पर असर पड़ेगा.