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अलविदा 2017: ऑक्सीजन की कमी, बॉयलर फटना और तमाम ट्रेन हादसे

देशभर में घटी घटनाओं में गोरखपुर हादसा सबसे अधिक चर्चा में रहा. व्यवस्था ठीक होने के रफ्तार जो भी रहे, हर मामले में राजनीति तो जमकर हुई

FP Staff

साल बीतने को है. सुखद चीजों के साथ कुछ दुखद घटनाएं भी देशभर में घटी. इसमें गोरखपुर हादसा सबसे अधिक चर्चा में रहा. व्यवस्था ठीक होने के रफ्तार जो भी रहे, हर मामले में राजनीति तो जमकर हुई. इसमें सबसे अधिक ट्रेन हादसों ने लोगों को परेशान किया. सालभर की घटनाओं पर एक नजरः

गोरखपुर हादसा


अगस्त महीना यूपी के बच्चों के लिए काल बनकर आया. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी होने से 63 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. रुपयों का भुगतान नहीं होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई ठप कर दी थी. हाल ये था कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा था कि ये मौतें ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुईं, अस्पताल में 100 सिलिंडर मौजूद थे. वहीं जिले के डीएम ने पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कह दिया था कि ये मौतें ऑक्सीजन की कमी से ही हुई हैं.

एनटीपीसी हादसा

दो नवंबर को रायबरेली के एनटीपीसी प्लांट में एक बड़ा हादसा हो गया. प्लांट में बॉयलर का पाइप फटने से आग लग गई. इस हादसे में अब मरने वालों की संख्या 30 थी. जबकि 100 से ज्यादा लोग झुलस गए थे. एनटीपीसी में डेढ़ हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं. हादसे के बाद यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में मृत लोगों के परिजनों को 2-2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया था. इस हादसे के पीछे भी कई स्तरों पर बरती जा रही लापरवाही सबसे बड़ी वजह थी.

एलफिंस्टन हादसा

29 सितंबर को मुंबई के एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर भगदड़ मचने के कारण 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 37 लोग घायल हुए. भगदड़ शॉर्ट सर्किट हो जाने के अफवाह के कारण मची. घटना के बाद रेलमंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री विनोद तावड़े केईएम अस्पताल पहुंचे थे. उसके बाद रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने हादसे के बाद कहा था कि ब्रिज की दुर्दशा के बारे में कोई सवाल ही नहीं था. बाद में घटना को लेकर कई कहानियां और लापरवाहियां भी सामने आईं.

हीराखंड ट्रेन एक्सीडेंट

22 जनवरी को जगदलपुर-भुबनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस का इंजन और 7 डिब्बे आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में मरने वालों की संख्या 32 हो गई थी और करीब 100 लोगों के घायल हो गए थे.

उत्कल ट्रेन एक्सीडेंट

अगस्त महीने में कई रेल हादसे हुए जिससे रेलवे की कार्यप्रणाली कोे लेकर सवाल उठे  (फोटो : पीटीआई)

19 अगस्त को यूपी के मेरठ-सहारनपुर डिवीजन में ओडिशा से उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही पुरी-उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे मेरठ-सहारनपुर के बीच पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई और करीब 203 लोग घायल हो गए थे. जहां हादसा हुआ, वहां रेल ट्रैक की मरम्मत काम चल रहा था. यह देखकर ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई, जिस कारण यह भीषण दुर्घटना हुई.