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जानिए नोटों पर छपने वाली महात्मा गांधी की तस्वीर की पूरी कहानी

1993 में आरबीआई ने सभी नोटों पर गांधी जी की तस्वीर छापने की सिफारिश की थी, इसके बाद सरकार ने 1996 में गांधी सीरीज की तस्वीर छापनी शुरू कर दी

FP Staff

हाल के वर्षों में भारतीय नोटों में कई तरह के बदलाव हुए हैं. कुछ नोट बैन हुए तो कुछ नए भी शुरू हुए. तमाम बदलाव और नए नोटों के बीच एक चीज कभी नहीं बदली, वो थी महात्मा गांधी की तस्वीर. मंगलवार यानी आज महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे महात्मा गांधी भारतीय नोटों की पहचान बन गए.

सबसे पहले महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय नोट पर सन् 1969 में आई. यह साल उनका जन्म शताब्दी का था. इन नोटों पर गांधी जी की तस्वीर के पीछे सेवाग्राम आश्रम भी था. जब पहली बार गांधी जी की तस्वीर नोट पर छपी तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं और एलके झा आरबीआई के गवर्नर हुआ करते थे.


अक्टूबर, 1987 में पहली बार देश में 500 रुपए का नोट चलन में आया. इस पर भी गांधी जी की तस्वीर छपी थी. इस वक्त राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे और आरएन मल्होत्रा आरबीआई गवर्नर पद पर थे.

1993 में आरबीआई ने सभी नोटों पर गांधी जी की तस्वीर छापने की सिफारिश की थी. इसके बाद सरकार ने 1996 में गांधी सीरीज की तस्वीर छापनी शुरू कर दी. तब से अब तक गांधी जी की तस्वीर नोट पर छपती आ रही है. सिर्फ एक और दो रुपए के नोट पर गांधी जी की तस्वीर नहीं छपती, लेकिन इन पर गांधी जी की तस्वीर 1969 में छापी गई थी.

कहां से आई नोटों पर छपने वाली गांधी जी की फोटो

गांधी जी की जिस तस्वीर को आप भारतीय नोट पर देखते हैं उसे कोलकाता (तब कलकत्ता) में खींचा गया था. 1946 में गांधी जी ब्रिटिश सचिव फेडरिक लॉरेंस से मिलने के लिए कलकत्ता स्थित वायसराय हाउस मिलने गए थे.

किंग जॉर्ज की तस्वीर भी छपती थी भारतीय नोट पर

भारतीय रुपया 1957 तक 16 आनों में रहा. इसके बाद मुद्रा की दशमलव प्रणाली अपनाई गई और एक रुपए का निर्माण 100 पैसों में किया गया. किंग जॉर्ज की फोटो वाला नोट 1949 तक चलन में था. इसके बाद अशोक स्तंभ वाला नोट आया था. महात्मा गांधी वाले कागजी नोटों की शुरुआत 1996 से शुरू हुई, जो अब तक चलन में है.