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छोटी होगी शिवाजी की मूर्ती और लंबी होगी तलवार, जानिए क्यों?

सरकार ने कहा कि मूर्ति निर्माण के कारण सरकार के राजस्व पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के चलते यह फैसला लिया गया है

FP Staff

महाराष्ट्र सरकार ने अरब सागर में बन रहे छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा की लंबाई कम करने का फैसला किया है. एक आरटीआई के जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि मूर्ती निर्माण के कारण सरकार के राजस्व पर पड़ने वाले बोझ को कम करन के चलते यह फैसला लिया गया है.

नए प्रस्तावित डिजाइन में सरकार ने शिवाजी की मूर्ती की लंबाई 7.5 मीटर कम करने का निर्णय लिया है. हालांकि मूर्ती के हाथ में जो तलवार होगी, उसकी लंबाई को बढ़ाया जाएगा. ताकि मूर्ती की कुल प्रस्तावित ऊंचाई कम ना हो.


नए डिजाइन के बाद शिवाजी की प्रतिमा 75.7 मीटर हो जाएगी. पुराने डिजाइन में इसकी ऊंचाई 83.2 मीटर थी. लेकिन मूर्ती की असल ऊंचाई को बरकरार रखने के लिए तलवार की लंबाई को 38 मीटर से 45.5 मीटर कर दिया गया है. मूर्ती की कुल लंबाई 121.2 मीटर है.

बचेंगे 300 करोड़ रुपए से ज्यादा

मूर्ती को बनाने में पड़ने वाले खर्च को देखते हुए इसके तल की ऊंचाई को भी कम किया गया है. पहले इसकी ऊंचाई 96.2 मीटर प्रस्तावित थी. जिसको कम कर के 87.4 मीटर कर दिया गया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इससे सरकार की जेब पर पड़ने वाले बोझ में 338.94 करोड़ की कटौती होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस मूर्ती की नींव रखी थी. दो चरणों में बनने वाली इस मूर्ती का ठेका महाराष्ट्र सरकार ने एलएंडटी को दिया है. जो कि दो चरणों में इसका निर्माण करेगी. सरकार ने पहले इस मूर्ती को बनाने के लिए 3,600 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया था.