view all

महाराष्ट्र के स्कूलों में गांधी और अंबेडकर से ज्यादा मोदी पर किताबें

महाराष्ट्र सरकार कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के अतिरिक्त पाठ्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर आधारित पुस्तकें 59.42 लाख रुपए खर्च करके खरीदेगी

FP Staff

महाराष्ट्र सरकार का शिक्षा विभाग राज्य के स्कूलों के लिए महात्मा गांधी और अंबेडकर से ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित किताबों पर खर्च करने जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के अतिरिक्त पाठ्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर आधारित पुस्तकें 59.42 लाख रुपए खर्च कर के खरीदेगी.

जिस सूची में सबसे ज्यादा खर्च प्रधानमंत्री मोदी पर खरीदी जाने वाली किताबों पर किया गया है, उस सूची के मुताबिक महात्मा गांधी पर आधारित किताबों की खरीद महज 3.25 लाख रुपए में होगी. डॉ भीमराव अंबेडकर पर आधारित किताबों की खरीद 24.28 लाख रुपए में होगी, तो महात्मा फूले पर आधारित किताबें 22.63 लाख रुपए में खरीदी जाएंगी.


मराठी, गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में होंगी किताबें

प्रधानमंत्री मोदी पर आधारित खरीदी जाने वाली किताबों में 72,993 प्रतियां मराठी भाषा में और 33 प्रतियां गुजराती में होंगी. 424 प्रतियां हिंदी और 7,148 प्रतियां अंग्रेजी में भी खरीदी जाएंगी. यह सभी किताबें डायमंड पॉकेट बुक्स के प्रकाशन की हैं. जिनकी एक प्रति की कीमत 35 रुपए है.

साथ ही महाराष्ट्र का शिक्षा विभाग विलास बुक एजेंसी के प्रकाशन मे छपने वाली मराठी भाषा की किताब 'नरेंद्र मोदी' की 69,416 प्रतियां खरीदेगा. जिसकी एक प्रति की कीमत 45 रुपए होगी. विभाग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर आधारित मराठी भाषा की 72,933 प्रतियां भी खरीदेगा.

शिक्षा विभाग महात्मा गांधी पर आधारित सम्रत प्रकाशन की किताब 'महात्मा गांधी' की 2,675 प्रतियां खरीदेगा. डायमंड पॉकेट के प्रकाशन से गुजराती भाषा में गांधी पर आधारित 33 खरीदी जाएंगी, और निशिंगंधा प्रकाशन की किताब 'एक महात्मा' की 7,260 किताबें भी खरीदी जानी हैं.

विभाग डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवनी पर आधारित किताबों पर 24.28 लाख रुपए खर्च कर 79,388 प्रतियां खरीदेगा. महात्मा फूले और सावित्री बाई फूले पर आधारित किताबों की 78,348 प्रतियां 24.28 लाख रुपए में खरीदी जाएंगी.

गांधी और अंबेडकर से बड़ा समझते हैं मोदी को: धनंजय मुंडे

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक बालभारती के निदेशक डॉ. सुनील मगर ने कहा 'पुस्तकों को विशेषज्ञों की समिति द्वारा मेरिट के आधार पर चुना गया है. क्योंकि यह मोदी हैं, इसलिए आप इस बारे में बात कर रहे हैं. लेकिन हमारे पास अन्य किताबें भी हैं.' डॉ सुनील मगर राज्य के शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एससीईआरटी) के प्रभारी निदेशक भी हैं.

इस पूरे प्रकरण पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा 'ऐसा लगता है कि इस सरकार ने नरेंद्र मोदी को गांधी, अंबेडकर और फूले से बड़ा मान लिया है. यह राजनितिक रूप से प्रेरित तरीकों से बच्चों की कल्पना पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं.'