महाराष्ट्र में किसानों का प्रदर्शन लगातार पांचवे दिन भी जारी है. इससे सब्जियों और दूध की आपूर्ति पर काफी असर हुआ है. किसान संगठनों का कहना है कि वे सोमवार को मुंबई सहित ‘महाराष्ट्र बंद’ करने जा रहे हैं.
महाराष्ट्र में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने भी ‘बंद’ के आह्वान को अपना समर्थन दिया है.
नासिक और अहमदनगर जैसे प्रमुख उत्पाद केन्द्रों से आपूर्ति में काफी कमी आने के कारण मुंबई सहित शहरों में सब्जियों और फलों के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है.
1 जून से चल रहा आंदोलन
कृषि-ऋण से छूट और कम दाम में बिजली जैसी अन्य मांगों को लेकर एक जून से आंदोलनरत किसानों के आंदोलन का आज यानि सोमवार को महाराष्ट्र में पांचवा दिन है. नासिक और अहमदनगर सहित महाराष्ट्र विरोध का प्रमुख केन्द्र बन गया है.
आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान क्रांति मोर्चे (केकेएम) के तत्वावधान में राज्य के विभिन्न हिस्सों के किसान प्रतिनिधियों की रविवार दोपहर नासिक की कृषि उत्पाद बाजार समिति में एक बैठक हुई. बैठक में कई प्रस्ताव पास किए गए और महाराष्ट्र बंद (मुंबई सहित) का निर्णय लिया गया. बंद का आह्वान दो दिन पहले लिया गया था.
क्या है किसानों की मांग?
किसानों की मांग है कि राज्य में किसानों के कर्ज माफ किए जाएं. इसके अलावा किसानों की मांग है कि खेती के लिए बिना ब्याज के कर्ज मिले. 60 साल के किसानों के लिए पेंशन स्कीम लागू की जाए और एक लीटर दूध के लिए दुग्ध उत्पादकों को 50 रुपए कीमत मिले.