view all

महाराष्ट्र: पालघर में महसूस हुए भूकंप के झटके, दो साल की बच्ची की मौत

एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3 से 4.1 के बीच रही. भूकंप के झटके बीते शुक्रवार को कम से कम 6 बार महसूस किए गए

FP Staff

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के वैज्ञानिक 11 नवंबर 2018 से महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थाई भूकंपीय वेधशाला में दर्ज की गई रहस्यमयी भूकंपीय

तरंगों से काफी हैरान हैं. एनडीटीवी की खबर के अनुसार महाराष्ट्र के पालघर जिले के कुछ हिस्सों में बीते शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए और इस दौरान दो साल की बच्ची की गिरने से मौत हो गई. एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3 से 4.1 के बीच रही. भूकंप के झटके बीते शुक्रवार को कम से कम 6 बार महसूस किए गए.


इलाके में नवंबर के बाद से कम तीव्रता के कई झटके महसूस किए गए

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दहानु तहसील के धुंधालवाडी में वैभवी रमेश भुयाल (2) के गिरने से उसके सिर में गंभीर चोट लगी जिससे उसकी मौत हो

गई. भूकंप के झटके सुबह 6.58 बजे, 10.03 बजे, 10.29 बजे, दोपहर 2.06 बजे, 3.53 बजे और शाम को 4.57 बजे दाहानु और तलासारी में दर्ज किए

गए. अधिकारियों ने कहा कि दीवार गिरने की भी खबरें थीं. इस इलाके में नवंबर के बाद से कम तीव्रता के कई झटके महसूस किए गए हैं और हाल ही में

एक केंद्रीय टीम ने जिले का दौरा किया था.

छोटी भूकंपीय गतिविधियों को भूकंप के झुंड के रूप में देखा जा रहा है

इस अजीब भूकंप गतिविधि की निगरानी के लिए एनसीएस ने वेदांता अस्पताल में एक अस्थाई फील्ड स्टेशन स्थापित किया है. इसके बाद डोंगरीपाड़ा और

तलासरी में दो और अस्थाई फील्ड स्टेशन स्थापित किए गए. एनसीएस के अनुसार छोटी भूकंपीय गतिविधियों को भूकंप के झुंड के रूप में वर्गीकृत किया

गया है. यह भूकंप मध्य पश्चिमी भारत में कई मौकों पर लंबी अवधि (3-4 महीने) के बीच आए.

कारगर वैज्ञानिक तकनीक उपलब्ध नहीं है

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप की तीव्रता के संबंध में भविष्य के भूकंपों की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई भी पूरी रह से कारगर वैज्ञानिक तकनीक उपलब्ध नहीं है. इसलिए, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से दिए गए भूकंप प्रतिरोधी भवन कोड के अनुसार, नागरिक और आवास संरचनाओं को ठीक से इंजीनियर किया जाना है.