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मद्रास हाईकोर्ट ने ऑनलाइन दवाओं की बिक्री पर लगाया बैन, फर्जी दवा बेचने का आरोप

कोर्ट ने इस मामले में नोटिफिकेशन जारी करने के लिए 31 जनवरी 2019 की डेडलाइन दी है

FP Staff

मद्रास हाईकोर्ट ने ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री पर सोमवार से रोक लगा दी है. यह रोक तब तक लगा दी गई है जब तक केंद्र सरकार इसको लेकर नियम न बना दे.

टीओआई के मुताबिक, 'कोर्ट ने इस मामले में नोटिफिकेशन जारी करने के लिए 31 जनवरी 2019 की डेडलाइन दी है.' इस मामले में तमिलनाडु केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा था कि ऑनलाइन शॉपिंग भले ही कस्टमर्स को सुविधा देता हो लेकिन बिना लाइसेंस के ऑनलाइन स्टोर से दवाएं खरीदना खतरनाक है. वह फर्जी और एक्सपायर दवाएं बेच सकते हैं.


इस तरह की दवाओं से मरीज की हालत बिगड़ सकती है और उसकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकते हैं. पिटीशनर एआरएल सुंदरसन ने कहा, 'फार्मेसी से जुड़े कानून ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940, ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स रूल 1945 और फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत काम करते हैं.

भारत के पास ऐसा कोई कानून नहीं है जो ऑनलाइन दवाइयों को बेचने का बचाव करता हो. हालांकि कानून में कई बार संशोधन हुए लेकिन ऑनलाइन दवाइयां बेचने के संबंध में कोई संशोधन नहीं हुआ है.'

उन्होंने कहा, 'दवाइयां केवल एक व्यापार मात्र का जरिया नहीं है बल्कि यह मरीज की सेहत से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण विषय है. इसे डॉक्टर की सलाह पर ही

मरीज को तय समय में दिया जाना चाहिए.'

वहीं इस याचिका के जवाब में ऑनलाइन फार्मा कंपनी का कहना है कि ज्यादातर कंपनियों के पास लाइसेंस है और जिनके पास नहीं है वो केवल लाइसेंसधारी फार्मा के लिए कोरियर का काम करते हैं.

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