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मध्य प्रदेश: कड़ाके की ठंड में रैन बसेरा पहुंचकर लोगों से मिले शिवराज

शिवराज ने रैन बसेरा में लोगों से मिलने के अनुभवों को ट्विटर पर भी साझा किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'दीन-दुखियों की सेवा ही मेरे जीवन का लक्ष्य है

FP Staff

भले ही बीजेपी मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव हार गई हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लोगों से मिलना अभी भी जारी है. इस कड़ी में शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल स्थित रैन बसेरा पहुंचकर लोगों से मुलाकात की और उनका हाल चाल पूछा.

दरअसल वो शनिवार को भोपाल में अलग-अलग जगहों का जायजा लेने के लिए निकले थे. इसी दौरान वे अचानक सुल्तानिया अस्पताल के सामने बने रैन बसेरा पहुंच गए. यहां उन्होंने रात गुजारने वाले लोगों से मुलाकात की. इस दौरान वे रैन बसेरा की व्यवस्थाओं से भी काफी संतुष्ट दिखे. वहीं लोगों ने भी शिवराज के साथ फोटो भी खिंचवाई.


इसके बाद उन्होंने न्यू मार्केट स्थित रैन बसेरे का दौरा भी किया. इस दौरान शिवराज लोगों से मिलकर उनका हालचाल पूछ रहे थे. उन्होंने कहा कि दीन-दुखियों की सेवा ही उनके जीवन का लक्ष्य है.

उन्होंने रैन बसेरा में लोगों से मिलने के अनुभवों को ट्विटर पर भी साझा किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'दीन-दुखियों की सेवा ही मेरे जीवन का लक्ष्य है. भोपाल में गरीब-बेसहारा के लिए स्थापित रैन बसेरे में आज रात पहुंचकर कुशलक्षेम पूछी और इंतजामों से रूबरू हुआ. हमारी नजर गरीब कल्याण की योजनाओं और व्यवस्थाओं पर है. जहां भी चूक होगी हम उसकी आवाज उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो संघर्ष करेंगे.'

उन्होंने आगे कहा कि, रैनबसेरों में जो अपनापन, स्नेह और आशीर्वाद मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते' अद्भुत अविस्मरणीय प्रेम है आप लोगों का, इसके लिए हृदय से आभार'

इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में बजेपी को मिली हार पर बात करते हुए कहा था कि 'बीजेपी हारी नहीं है, ज्यादा सीटें मिलने के बावजूद बीजेपी पीछे रह गई है. हमारा विकास करने वाली पार्टी को समर्थन है. जनता को किसी प्रकार की परेशानी होती है, तो हम जनता के लिए दोबारा लड़ाई लड़ेंगे.'

वहीं  अपने विधानसभा क्षेत्र बुधनी में फिल्मी अंदाज में कहा था कि, ' चिंता मत करना, टाइगर अभी जिंदा है. आंख उठा कर कोई देखे.'

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था लेकिन उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 15 साल तक राज्य की सत्ता में रही बीजेपी को कांग्रेस ने बेदखल कर दिया था. 230 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.