मध्य प्रदेश में Scheduled Castes and Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act को लेकर हंगामा मचा हुआ है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार सुप्रीम कोर्ट के बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होने के फैसले का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया है.
गुरुवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में SC-ST एक्ट का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा. बिना जांच के किसी की गिरफ़्तारी नहीं की जाएगी.
छिंदवाड़ा में सीएम चौहान ने कहा कि इसके लिए निर्देश ही काफी है, अलग से कोई एक्ट लाने की जरूरत नहीं. शिवराज सिंह ने कहा मध्य प्रदेश में हर वर्ग के अधिकार सुरक्षित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही आदेश दिया था कि बिना जांच के किसी की गिरफ्तारी नहीं की जाए. कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार संसद में एट्रोसिटी बिल लेकर आई थी. केंद्र का कहना है कि वो दलितों और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए ये बिल लेकर आई है.
शिवराज सिंह चौहान भी अलबत्ता कह चुके हैं कि वो राज्य में सबके अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
बता दें कि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में फैसला दिया था कि किसी भी केस में आरोपी को अग्रिम जमानत मिल सकती है, केस दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच होगी और एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से सहमति के बाद ही गिरफ्तारी होगी, जिसके बाद एससी-एसटी समुदाय ने बड़ा विरोध किया था. समुदाय के लोगों का कहना था कि ये फैसला लाना उनकी सुरक्षा से बड़ा समझौता होगा.
बता दें कि राज्य में सवर्ण भी वर्तमान सरकार से खुश नहीं हैं. प्रमोशन में रिजर्वेशन पर केंद्र के संशोधन, जिसमें बस एससी-एसटी एक्ट के लोगों को प्रमोशन में आरक्षण मिलेगा, से सवर्णों में काफी नाराजगी है. इस संशोधन के बाद से ही राज्य में सरकार का विरोध हो रहा है. विरोध में सामान्य, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने सपाक्स नाम की पार्टी बना ली है और अगले विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 230 सीटों पर लड़ने की योजना बना रहे हैं.