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यूपी: मुस्लिमों के लिए भी होगा शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी

सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा आधार और पासपोर्ट पर फोटो हो सकते हैं तो मैरिज रजिस्ट्रेशन में क्यों नहीं

FP Staff

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सभी समुदायों के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. अब मुस्लिम समेत सभी वर्गों के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा.

सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इस बीच कई मुस्लिम संगठनों ने मैरिज रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किए जाने का विरोध किया था. उनका कहना है कि निकाहनामे में विवाहित जोड़े की फोटो नहीं होनी चाहिए. हालांकि सरकार ने उनके इस तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि आधार और पासपोर्ट पर फोटो हो सकते हैं तो मैरिज रजिस्ट्रेशन में क्यों नहीं.


सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं को जब इस बारे में समझाया गया तो वे मान गए. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार ने भी इसे लागू करने के लिए रूल्स बनवाए थे. लेकिन उस समय मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर इसका विरोध किया था. जिसके बाद सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी.

शादी का रजिस्ट्रेशन कुल 10 रुपए में होगा. जो भी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएगा उसे सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिर्फ उत्तर प्रदेश और नागालैंड में ही मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं किया गया था.

कैसे होगा रजिस्ट्रेशन?

जिस दिन शासनादेश जारी होगा उस दिन से मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा. जो पहले से शादीशुदा हैं, उनके लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता नहीं रहेगी. लेकिन रूल्स जारी होने के बाद जो विवाह होंगे उनका रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा.

(साभार न्यूज़ 18)