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पॉलिटिक्स चलने दीजिए, आप तो बस मेट्रो का मजा लीजिए

लखनऊ मेट्रो को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में सियासत का दौर शुरू हो गया है लेकिन आम मुसाफिर के लिए ये खुशी वाली बात है

Amitesh

लखनऊ वालों के इंतजार की घड़ी खत्म हो गई है. अब जाम से छुटकारा मिलने वाला है. लखनऊवासी बुधवार से मेट्रो का आनंद ले सकेंगे. ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक चलने वाली मेट्रो को गृह-मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरीझंडी दिखाकर रवाना किया.

लेकिन, लखनऊ के लोगों को मिल रही इस ‘सौगात’ से ज्यादा ‘श्रेय’ की चर्चा हो रही है. इस साल की शुरुआत में यूपी की सत्ता में आई बीजेपी अपनी पीठ थपथपा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेट्रो चलाने का श्रेय खुद ले रहे हैं तो दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ मेट्रो का श्रेय लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं.


मेट्रो रेल के उद्घाटन के वक्त हुए भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से साथ-साथ पूरी कैबिनेट, बीजेपी के सभी विधायक, राज्यपाल राम नाइक और गृह मंत्री और लखनऊ से लोकसभा सांसद राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. यहां तक कि मोदी सरकार में नए-नवेले शहरी विकास मंत्री बने हरदीप सिंह पुरी भी इस कार्यक्रम में शिरकत करने लखनऊ पहुंच गए थे.

बीजेपी नेताओं के इस जमावड़े से साफ लग रहा था कि योगी इस कार्यक्रम को भव्य बनाना चाहते हैं. दिखाने की कोशिश थी कि केंद्र की बीजेपी सरकार के कार्यकाल में ही लखनऊ मेट्रो पर काम हुआ है. बिना मोदी सरकार के सहयोग के केवल अखिलेश यादव ऐसा नहीं कर पाते.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर नाम लिए बगैर जमकर व्यंग्य बाण चलाए. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस बार का आयोजन पूरा आयोजन है, ना कि आधा-अधूरा आयोजन. अब सफर तय करने के लिए छह महीने तक का इंतजार नहीं करना होगा. अब तो बस कल से ही आप मेट्रो में सफर कर सकते हैं.

योगी की तरफ से यह दिखाने की कोशिश थी कि हमारी सरकार की तरफ से केवल आनन-फानन में श्रेय लेने के लिए और प्रचार करने के लिए मेट्रो का उद्घाटन नहीं किया जा रहा है. पूरी तैयारी के बाद ही हरी झंडी दिखाई जा रही है.मतलब अब इंतजार की जरूरत नहीं होगी.

गौरतलब है कि अखिलेश सरकार ने लखनऊ मेट्रो को अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर गिनाया था. खासतौर से पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त तो प्रचार में हर जगह एसपी सरकार के विकास के कामों में  लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के साथ-साथ लखनऊ मेट्रो का जिक्र हो रहा था.

एक युवा मुख्यमंत्री और उसकी तरफ से किए गए इन कामों को ही आधार बनाकर अखिलेश यादव ने अपने-आप को विकास पुरुष के तौर पर पेश करने की कोशिश भी की थी. यहां तक कि चुनाव के ठीक पहले पिछले साल दिसंबर में अखिलेश यादव ने लखनऊ मेट्रो का उद्घाटन भी कर दिया था. लेकिन, उस वक्त केवल ट्रायल के लिए ऐसा किया गया था ना कि आम लोगों के लिए मेट्रो की शुरुआत हुई थी.

अब जबकि योगी आदित्यनाथ मेट्रो रेल को दोबारा हरी झंडी दिखा रहे हैं तो इस वक्त अखिलेश यादव अपनी पहले की तस्वीर को ट्वीट कर योगी को आईना दिखा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी दोनों ही पक्षों के बीच जमकर बहस हो रही है.

योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ मेट्रो रेल के उद्घाटन के मौके पर यह जता दिया कि मेट्रो रेल की सुविधा केवल यूपी सरकार ही नहीं केंद्र सरकार के सहयोग से मिली है. योगी ने कहा कि 6880 करोड़ रुपए लागत से बनने वाली मेट्रो में केंद्र सरकार ने 1300 करोड़ की मदद की है और यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक से 3502 करोड़ रुपए की लोन में भी मदद की है. ऐसा कह कर योगी अखिलेश यादव को दिखाना चाह रहे हैं कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से ही 2014 के बाद लखनऊ मेट्रो पर जल्दी काम हुआ है. बिना केंद्र के सहयोग के ऐसा होना संभव नहीं था.

बेहतर होता योगी आदित्यनाथ मेट्रो रेल पर सियासत करने के बजाए यूपी के बाकी शहरों में मेट्रो का काम अपने कार्यकाल में पूरा करा दें, शायद उनको इसका श्रेय ज्यादा मिलेगा.

खैर योगी और अखिलेश के बीच की बहस में घुसने के बजाए आम लखनऊवासी मेट्रो में सफर के आनंद की तैयारी में हैं.