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विवेक तिवारी हत्याकांड: महिला दोस्त की जुबानी, एनकाउंटर की पूरी कहानी

विवेक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर गोली लगने से मौत होने की पुष्टि हुई है. मृतक की पत्नी ने पुलिस प्रशासन को घेरे में ले लिया है और इंसाफ की मांग की है

FP Staff

विवेक तिवारी हत्याकांड ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सुरक्षा और कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. योगी सरकार के आने के बाद से पुलिस की मनमानी और एनकाउंटर के नाम पर बेकसूर लोगों की हत्या के आरोपों की सच्चाई सामने लाकर रख दी है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वीआईपी इलाके में शुक्रवार रात एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने एक युवक को गोली मार दी. मृतक विवेक तिवारी एपल कंपनी का एरिया सेल्स मैनेजर था. विवेक आईफोन की लॉन्चिंग प्रोग्राम को अटेंड करके वापस घर लौट रहे थे. रास्ते में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया. इस बात पर विवेक के साथ पुलिस कॉन्स्टेबल की थोड़ी झड़प हो गई. बात इतनी बढ़ी की कॉन्स्टेबल ने विवेक पर गोली चला दी. आरोपी कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार कर बर्खास्त कर दिया गया है.


महिला ने बताया सच:

मृतक विवेक तिवारी के साथ घटना के वक्त सफर कर रही महिला ने कहा है कि- 'कार कहीं रुकी नहीं थी. हम जा रहे थे. हो सकता है कि उसके साथ एक लड़की को बैठे देखकर और गोमती नगर इलाके में होने के कारण वो (पुलिसवाला) रॉन्ग साइड से आया और हम पर चिल्लाने लगा. इसका कोई मतलब नहीं था.'

इसके पहले विवेक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसकी मौत सिर पर गोली लगने से होने की पुष्टि हुई है. मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने पुलिस प्रशासन को घेरे में ले लिया है और इंसाफ की मांग की है. उन्होंने अपने पति की हत्या की जांच को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा है कि वह इस मामले की सीबीआई जांच चाहती हैं. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और पुलिस विभाग में नौकरी की मांग की है.

वहीं विपक्ष ने भी यूपी सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस ने विवेक तिवारी की कथित तौर पर हत्या किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि योगी सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध और मुठभेड़ आम बात हो गई है.

इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा है कि यह कोई एनकाउंटर नहीं है. इस मामले की पूरी जांच हो रही है. अगर जरूरत पड़ेगी तो सीबीआई की जांच कराई जाएगी. वहीं इस मामले में आरोपी पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी का कहना है कि उस समय रात के 2 बज रहे थे. सड़क के किनारे उसे एक कार खड़ी दिखाई दी जिसकी लाइट्स बंद थी. संदेह होने पर वह उस गाड़ी के करीब गया. गाड़ी के पास जाते ही कार को ड्राइव कर रहा व्यक्ति (विवेक तिवारी) भागने लगा. कॉन्स्टेबल ने बताया- विवेक ने उसे कार से तीन बार मारने की कोशिश की. अपनी जान बचाने के लिए ही उस शख्स पर गोली चलानी पड़ी.