उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में करीब 12 घंटे चले आतंकवाद रोधी ऑपरेशन के बाद बुधवार तड़के एक संदिग्ध आतंकी मारा गया. इसके साथ ही पुलिस ने मकान में दो संदिग्ध आतंकियों के छिपे होने की पूर्व में आई खबरों को खारिज कर दिया.
उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी स्क्वायड (एटीएस) का विशेष ऑपरेशन लखनऊ की घनी आबादी वाले ठाकुरगंज इलाके में चला. आतंकी एक मकान में छिपा हुआ था. एडिशनल डीजीपी (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने कहा, ‘जिस मकान में आतंकी छिपा हुआ था, उसका दरवाजा खोलने पर जब पुलिस बल भीतर दाखिल हुआ तो संदिग्ध मृत पड़ा मिला. उसके पास हथियार भी पड़े थे.’
उन्होंने कहा, ‘एक समय तो ऐसा लग रहा था कि मकान के भीतर एक से अधिक संदिग्ध आतंकी छिपे हुए हैं.’ चौधरी ने कहा कि ऑपरेशन अब समाप्त हो गया है और बाकी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी.
इस बीच एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने पुष्टि की कि मारा गया संदिग्ध आतंकी आईएसआईएस का सक्रिय सदस्य था.
संदिग्ध को उस समूह का हिस्सा माना जा रहा है जिसने भोपाल-उज्जैन पैंसेजर ट्रेन में विस्फोट किया था. इसमें 10 लोग घायल हो गए थे. जबरी स्टेशन पर हुआ धमाका भारत में किसी आई मॉड्यूल की ओर से किया गया पहला हमला है.
अरुण ने कहा, 'हमने उसे गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश की लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा हो न सका. हमने गैस के गोल और मिर्ची वाले धमाके भी किए ताकि वह बाहर आ जाए. लेकिन वह बाहर नहीं आया.'