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गैंगरेप मामला: गायत्री प्रजापति पर 10 जुलाई को तय होगा आरोप

रविवार को मुलायम सिंह ने जेल में गायत्री प्रजापति से मुलाकात कर उन्हें बेकसूर बताया था

FP Staff

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ रेप मामले में अगली सुनवाई अब 10 जुलाई तक टल गई है. इससे पहले सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की विशेष पोक्सो लत गायत्री प्रजापति और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप के मामले में आरोप तय करने थे.

चौक के क्षेत्राधिकारी राधेश्याम राय ने स्पेशल जज उमाशंकर शर्मा की कोर्ट में 824 पन्नों का आरोपपत्र पेश किया था. राय के नेतृत्व में मामले की जांच करने वाली एसआईटी ने गायत्री प्रजापति, उनके गनर चंद्रपाल, रुपेश्वर उर्फ रुपेश, अशोक तिवारी, विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं.

चार्जशीट में गायत्री प्रसाद प्रजापति, अमरेंद्र सिंह, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत आरोप लगे हैं.

मुलायम की नजर में गायत्री प्रजापति बेकसूर

इससे पहले, रविवार शाम समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव लखनऊ जेल में बंद गायत्री प्रजापति से मिले थे. लगभग घंटे भर की मुलाकात के बाद मुलायम ने गायत्री को निर्दोष बताया था. उन्होंने कहा था कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ साजिश की जा रही है. उसके साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है.

मुलायम ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति से मिलकर इसकी शिकायत करने की भी बात कही.

गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को मुलायम सिंह का काफी करीबी समझा जाता है (फोटो: पीटीआई)

मुलायम इससे पहले भी जेल जाकर गायत्री प्रजापति से मुलाकात करते रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसी साल 18 फरवरी को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और बाकी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

पीड़ित महिला का आरोप है कि गायत्री प्रजापति और उसके साथियों ने उसके साथ गैंगरेप किया. आरोपियों की बुरी नजर उसकी नाबालिग बेटी पर भी थी जिसके बाद उसने सामने आकर मामला दर्ज कराया.