view all

जगह की कमी की वजह से बनेगी संसद की नई इमारत!

नया भवन आतंकी खतरों से निपटने में अधिक सक्षम और नई टेक्नोलॉजी से लैस होगा

Bhasha

बढ़ती आबादी के अनुरूप सांसदों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है. साथ ही सुरक्षा और टेक्नोलॉजी की जरूरतों के मद्देनजर संसद के नए भवन की संभावना पर विचार किया जा रहा है.


इसके बारे में करीब डेढ़ साल पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा था.

सुमित्रा महाजन ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा, ‘नए भवन की बात सोच रहे हैं. इस बारे में प्रस्ताव दिया है. स्थान की कमी हो रही है.'

ग्रीन बिल्डिंग होगा नया भवन 

नए संसद भवन की जरूरत को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने करीब पांच साल में दो बार शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है. अध्यक्ष की ओर से लिखे गए पत्र में वर्तमान भवन को पुरानी हो रही धरोहर इमारत बताया है.

जुलाई 2012 में मीरा कुमार ने स्पीकर रहते हुए इस बारे में खत लिखा था. इसके बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नौ दिसंबर 2015 को केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू को पत्र लिखा था.

सूत्रों के अनुसार, शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इस बारे में विचार एवं राय पेश करने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि नया भवन आतंकी खतरों से निपटने में अधिक सक्षम और नई टेक्नोलॉजी से लैस होगा. यह भवन ग्रीन बिल्डिंग की कांसेप्ट पर बनाया जाएगा जो सौर पैनल से लैस किया जाएगा.

पुराने भवन में काम करना मुश्किल 

महाजन ने पत्र में लिखा था कि, वर्तमान परिसर ग्रेड 1 हेरिटेज बिल्डिंग है और यह पुरानी हो रही है. इस पर पुराने होने के निशान भी दिखाई देने लगे हैं. मरम्मत में बाधाएं आने के साथ ही स्टाफ के कामों में भी दिक्कत आने लगी है. इसके चलते नए भवन की जरूरत महसूस की जा रही है.

इससे पहले मीरा कुमार के कार्यकाल के दौरान 13 जुलाई 2012 को पत्र भेजा गया था. तत्कालीन शहरी विकास सचिव सुधीर कृष्णा को भेजे गए इस पत्र में बताया गया था कि 2026 के बाद लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की संख्या में इजाफा हो सकता है. इसमें नए संसद भवन के लिए सर्वे कर जगह ढूंढ़ने को कहा गया था.

वहीं सुमित्रा महाजन के पत्र में तो वैकल्पिक जगह भी सुझाई गई. महाजन ने संसद भवन परिसर के प्लॉट नंबर 118 को इसके विकल्प के रूप में बताया है. गौरतलब है कि वर्तमान संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था. 1927 में यह उपयोग में लाया गया.