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पैराडाइज पेपर्स LIVE: सभी लेन-देन कानून के दायरे में-जयंत सिन्हा

पैराडाइज पेपर्स में ऐसी फर्जी कंपनियों की जानकारी दी गई है जो गलत तरीके से अमीर और ताकतवर लोगों के पैसे टैक्स हेवन देशों में पहुंचाती है

FP Staff
16:05 (IST)

पैराडाइज लीक्स के बाद फंड डायवर्जन पर नजर रखेगा सेबी 

मार्केट रेगुलेटर सेबी अब कंपनियों के फंड डायवर्जन पर नजर रखेगा. सेबी विजय माल्या सहित उन सभी प्रमोटर पर नजर रखेगा जिनका नाम पैराडाइज पेपर्स में दिया गया है.

15:59 (IST)

15:58 (IST)

क्लाइंट लिस्ट में अमेरिकी नागरिकों का दबदबा

एपलबाय के क्लाइंट लिस्ट में अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों का नाम ज्यादा है. इस लिस्ट में भारत 19वें पायदान पर है.

15:50 (IST)

15:46 (IST)

15:46 (IST)

15:45 (IST)

भारत के करीब 714 लोगों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है  

14:34 (IST)

2013 में हुआ था इस तरह का पहला खुलासा इससे पहले अप्रैल 2013 में ऑफशोर लीक्स के नाम से पहला खुलासा हुआ था. इस खुलासे में कुल 612 भारतीयों के नाम सामने आए थे. इसके बाद स्विस लीक्स के नाम से भी एक खुलासा हुआ था जिसमें कुल 1195 भारतीय के एचएसबीसी बैंक की जेनेवा शाखा में होने की बात सामने आई थी.

14:33 (IST)

विदेशी नेताओं में सबसे बड़ा नाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ का है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी इन दस्तावेजों के लपेटे में आए हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज सहित दुनियाभर के 120 नेताओं के नाम भी इसमें शामिल हैं. 

14:32 (IST)

पैराडाइज पेपर्स में कुल एक करोड़ 34 लाख दस्तावेजों का खुलासा हुआ है. दोनों ही बार दस्तावेज जर्मन अखबार ज़िदडॉयचे ज़ायतुंग (Süddeutsche Zeitung) के हाथ लगे. उसके बाद इस अखबार ने इन दस्तावेजों को खोजी पत्रकारों की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल कॉन्सोरटियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) को दिया.

14:32 (IST)

रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कुल 714  भारतीयों के नाम हैं. पैराडाइज पेपर्स में ऐसी फर्जी कंपनियों की जानकारी दी गई है जो गलत तरीके से अमीर और ताकतवर लोगों के पैसे टैक्स हेवन देशों में पहुंचाती है. इन दस्तावेजों में कुल 180 देशों के लोगों की जानकारियां मिली है. भारत इसमें 19वें पायदान पर है  

14:29 (IST)

बीते साल 8 नवंबर को लागू की गई नोटबंदी को यादगार बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस साल प्रस्तावित एंटी ब्लैक मनी डे से ठीक दो दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने बड़ा खुलासा किया है. 

14:21 (IST)

वॉल्यूम के लिहाज दुनिया का सबसे बड़ा डेटा लीक

मनीकंट्रोल के मुताबिक, वॉल्यूम के हिसाब से पैराडाइज पेपर्स दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डेटा लीक है  

​पनामा पेपर्स- 2.6 TB (टेराबाइट)

पैराडाइज पेपर्स- 1.4 TB

ऑफशोर सीक्रेट्स – 260 GB

लक्जमबर्ग टैक्स फाइल्स- 4.4 GB

HSBC फाइल्स – 3.3 GB

विकिलिक्स-1.7 GB

बीते साल 8 नवंबर को लागू की गई नोटबंदी को यादगार बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस साल प्रस्तावित एंटी ब्लैक मनी डे से ठीक दो दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने बड़ा खुलासा किया है. इसमें देश के कई सेलिब्रेटी और नेताओं के देश के बाहर टैक्स हेवन देशों में पैसे जमा होने की बात का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कुल 714 भारतीयों के नाम हैं.

पैराडाइज पेपर्स में ऐसी फर्जी कंपनियों की जानकारी दी गई है जो गलत तरीके से अमीर और ताकतवर लोगों के पैसे टैक्स हेवन देशों में पहुंचाती है. इन दस्तावेजों में कुल 180 देशों के लोगों की जानकारियां मिली है. बताया जा रहा है कि ये अभी शुरुआती खुलासा है और अभी ऐसे 40 खुलासे और होंगे.


तकरीबन 18 महीने पहले भी ऐसे ही दस्तावेज पनामा पेपर्स के जरिए भी सामने आए थे. इस बार दस्तावेजों को पैराडाइज पेपर्स का नाम दिया गया है. पैराडाइज पेपर्स में कुल एक करोड़ 34 लाख दस्तावेजों का खुलासा हुआ है. दोनों ही बार दस्तावेज जर्मन अखबार ज़िदडॉयचे ज़ायतुंग (Süddeutsche Zeitung) के हाथ लगे. उसके बाद इस अखबार ने इन दस्तावेजों को खोजी पत्रकारों की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल कॉन्सोरटियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) को दिया. इंडियन एक्सप्रेस अखबार भी इसमें शामिल है और भारत से जुड़े दस्तावेजों की उसने जांच की है.

विदेशी नेताओं में सबसे बड़ा नाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ का है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी इन दस्तावेजों के लपेटे में आए हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज सहित दुनियाभर के 120 नेताओं के नाम भी इसमें शामिल हैं.

2013 में हुआ था इस तरह का पहला खुलासा

इससे पहले अप्रैल 2013 में ऑफशोर लीक्स के नाम से पहला खुलासा हुआ था. इस खुलासे में कुल 612 भारतीयों के नाम सामने आए थे. इसके बाद स्विस लीक्स के नाम से भी एक खुलासा हुआ था जिसमें कुल 1195 भारतीय के एचएसबीसी बैंक की जेनेवा शाखा में होने की बात सामने आई थी.