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निर्भया केस LIVE: 16 दिसंबर गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा हाई कोर्ट का फैसला, दोषियों की अपील ठुकराई

FP Staff
15:23 (IST)

निर्भया के पिता ने कहा है कि देर जरूर लगी लेकिन न्याय मिला, अब कोई गिला नहीं.

15:16 (IST)

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता दीपेन्द्र पाठक ने फैसले का स्वागत किया है.

15:11 (IST)

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता दीपेन्द्र पाठक ने फैसले का स्वागत किया है.

15:08 (IST)

निर्भया के पिता ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है कि ये उनके परिवार के लिए जीत की तरह है वो फैसले से खुश हैं.

15:07 (IST)

दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि वो फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे

15:06 (IST)

निर्भया केस में दोषियों की पैरवी करने वाले वकील एपी सिंह ने कहा है कि समाज को संदेश देने के लिए फांसी की सजा नहीं दे सकते. मानवाधिकार की धज्जियां उड़ाई गई हैं.

15:02 (IST)

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि उन्हें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बरकरार रखा है हालांकि वो चाहती थीं कि ये फैसला जल्दी आता.

14:32 (IST)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह एक बर्बर घटना थी. कोर्ट ने इसे 'सदमे की सुनामी' बताया. 

14:32 (IST)

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, चोटों की गंभीरता और अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए हम हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हैं. तीनों जजों ने सर्वसम्मति से लिया फैसला.

14:22 (IST)

16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में चार दोषियों को मौत की सजा बरकरार

14:21 (IST)

जानिए निर्भया मामले के दोषियों और उनके बचाव पक्ष के तर्क को
पवन गुप्ता: पेशे से फल-विक्रेता पवन गुप्ता का कहना है कि वह घटना के समय बस नहीं था. उसने और विनय ने कहा कि दोनों एक संगीत कार्यक्रम देखने चले गए थे. पवन के पिता का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष है और उसे फंसाया गया है.

14:20 (IST)

जानिए निर्भया मामले के दोषियों और उनके बचाव पक्ष के तर्क को
अक्षय ठाकुर: अक्षय उस बस में हेल्पर का काम करता था. उसे घटना के 5 दिन बाद बिहार में उसके गांव से पकड़ा गया. वब 2011 में दिल्ली आया. उसका कहना था कि वह घटना के दिन दिल्ली में ही नहीं था और 15 तारीख को ही बिहार चला चला गया था.

14:19 (IST)

जानिए निर्भया मामले के दोषियों और उनके बचाव पक्ष के तर्क को
विनय शर्मा: जिम अस्सिटेंट और फिटनेस ट्रेनर के रूप में काम करने वाला विनय शर्मा रवि दास स्लम में राम सिंह का पड़ोसी था. सभी दोषियों में विनय ही एकमात्र है जिसने स्कूली शिक्षा ली है. वह थोड़ी बहुत अंग्रेजी भी बोल लेता है. विनय ने जेल में रहकर यूनिवर्सिटी की परीक्षा भी दी. विनय ने कोर्ट में दावा किया था कि जब रेप हुआ तो वह बस में नहीं था बल्कि वह पवन गुप्ता के साथ एक संगीत का कार्यक्रम देखने गया था.

14:19 (IST)

जानिए निर्भया मामले के दोषियों और उनके बचाव पक्ष के तर्क को
मुकेश सिंह: मुकेश राम सिंह का छोटा भाई है. वह दक्षिण दिल्ली की रवि दास झुग्गी में अपने भाई के साथ रहता था. वह कभी-कभी ड्राइवर और क्लीनर का काम करता था. मुकेश पर बलात्कार के साथ-साथ निर्भया और उसके दोस्त को लोहे की रॉड से मारने का आरोप भी है. कहा जाता है कि जब निर्भया और उसका दोस्त बस में चढ़े थे तो बस वही चला रहा था. मुकेश ने कोर्ट में कहा कि वह बस चला रहा था और बाकी पांचों ने लड़की के साथ रेप और दोनों के साथ हिंसा की.

14:15 (IST)निर्भया को इंसाफ: एक 'डेमोक्रेटिक स्टेट' के तौर पर बुरी तरह से फेल हुए हैं हम!14:06 (IST)

निर्भया यानी ज्योति सिंह के माता-पिता फैसले के लिए अदालत पहुंच गए हैं.

14:06 (IST)

सितंबर 2013 में चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. इसे दिल्ली हाइकोर्ट ने 2014 में बरकरार रखा. इस मामले में 6 लोगों पर आरोप लगाए गए थे. एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल के अंदर ही फांसी लगा ली थी. जबकि एक और दोषी नाबालिग होने के कारण अपनी तीन साल की सुधारगृह की सजा पूरी कर रिहा हो चुका है.

14:05 (IST)

क्या 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में एक लड़की के साथ दरिंदगी करने वाले चार दोषियों को मौत की सजा होगी? थोड़ी देर में आएगा फैसला.

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में एक लड़की के साथ दरिंदगी करने वाले चार दोषियों को मौत की सजा होगी. सुप्रीम कोर्ट ने 'निर्भया' मामले में दोषियों की अपील पर फैसला सुना दिया है. सर्वोच्च न्यायलय ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को पैरामेडिकल की छात्रा की हत्या और सामूहिक बलात्कार का दोषी पाया गया था. गैंगरेप के दौरान की हिंसा के कारण छात्रा की बाद में मौत हो गई थी.


सितंबर 2013 में चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. इसे दिल्ली हाइकोर्ट ने 2014 में बरकरार रखा. इस मामले में 6 लोगों पर आरोप लगाए गए थे. एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल के अंदर ही फांसी लगा ली थी. जबकि एक और दोषी नाबालिग होने के कारण अपनी तीन साल की सुधारगृह की सजा पूरी कर रिहा हो चुका है.

दिल्ली पुलिस ने दोषियों को मौत की सजा सुनाई जाने मांग की थी. जबकि बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि के होने और युवा होने की वजह से नरमी बरती जानी चाहिए.

जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानूमथी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ मामले में अपना फैसला सुनाया. कई दिनों तक चली सुनवाई के बाद इस साल 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

गौरतलब है कि चारों दोषियों के खिलाफ सुनवाई 4 अप्रैल, 2016 को शुरू हुई थी. 13 मार्च, 2014 को मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर ने दिल्ली हाइकोर्ट की मौत की सजा को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह की. हर सोमवार, शुक्रवार और शनिवार को भी मामले की सुनवाई की गई. करीब एक साल तक चली इस सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.