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रोजगार के अवसर पर चीन से सीखने की बात पड़ी राहुल गांधी को महंगी, छिड़ा विवाद

बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए उनसे चीनी नेताओं से मुलाकात का ब्यौरा मांगा है

Bhasha

भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए चीन से सीखने की नसीहत देने के वास्ते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पिछले साल कैलाश मानसरोवर की अपनी यात्रा के दौरान चीनी अधिकारियों से हुई मुलाकात का जिक्र करने पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है.


बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए उनसे चीनी नेताओं से मुलाकात का ब्यौरा मांगा है. राहुल ने यहां शुक्रवार को कहा कि भारत को बड़े पैमाने पर स्वचालित उपकरणों को उत्पादन कार्य में लगाने के बजाय रोजगार के अवसर पैदा करने में चीन के अनुभवों से सीखना चाहिए.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर प्रहार करते हुए कहा, ‘मोदी जी मेक इन इंडिया की बात करते हैं, वास्तविक परिणाम क्या है? चीन में हर दिन चौबीस घंटे में 15,000 रोजगार पैदा होते हैं. लेकिन इन्हीं चौबीस घंटों के दौरान भारत में महज 450 रोजगार पैदा होते हैं. यह लोकसभा में पेश किया गया भारत सरकार का डेटा है.’

उन्होंने यहां बुद्धिजीवियों से बात करते हुए यह भी कहा, ‘भारत एक मात्र ऐसा देश है जो चीन की चुनौती का मुकाबला कर सकता है.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा समय में उत्पादन पर पूरी तरह से चीनियों का वर्चस्व है और भारत को यह स्वीकार करना होगा कि चीन अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और वह उत्पादन के क्षेत्र में हर किसी से आगे है.

चीन पूर्ण ‘ऑटोमेशन’ के बावजूद प्रत्येक 24 घंटे रोजगार के 15,000 नए अवसर पैदा करता है

उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय देश समस्या का सामना कर रहे हैं क्योंकि वे चीन की तरह स्वचालित उपकरणों को अपनाने के मुद्दे का हल नहीं कर पा रहे हैं.उन्होंने कहा कि वास्तव में स्वचालित उपकरणों को उत्पादन कार्य में शामिल करने (ऑटोमेशन) से रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं रुकता है.

उन्होंने कहा, 'चीन पूर्ण ‘ऑटोमेशन’ के बावजूद प्रत्येक चौबीस घंटे रोजगार के 15,000 नए अवसर पैदा करता है, फिर यूरोप और भारत में क्या समस्या है? ’

कांग्रेस प्रमुख ने कुछ चीनी अधिकारियों से हुई अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘जब मैं कैलाश (मानसरोवर) गया था, मैं उनके (चीन के) कुछ मंत्रियों से मिला था. उन्होंने कहा था कि रोजगार सृजन कहीं से भी समस्या नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, उन्होंने (चीनी मंत्रियों ने) कहा कि उनके पास रोजगार की भरमार है, हमारे पास भी काफी रोजगार हैं. इसलिए असली मुद्दा यह है कि यदि आप उत्पादन कर रहे हैं ...तो प्रौद्योगिकी के लिहाज से आपके लिए समस्या नहीं है. यदि आप कम गुणवत्ता वाली वस्तुओं का उत्पादन कर रहे हैं तो आपके लिए समस्याएं हैं.’

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष पर प्रहार करते हुए कहा, ‘ राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा झूठ थी. वह वहां चीनी मंत्रियों से मिलने गए थे.’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा मात्र एक बहाना थी क्योंकि उन्हें चीनी मंत्री से मिलना था और आज उड़ीसा में उन्होंने चीनी मंत्रियों के साथ बैठक के बारे में बताया. राहुल सितंबर 2018 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए थे.