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कोई भी भाषा सीखिए, मातृभाषा मत भूलिए : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा 'मैं अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हूं. आप अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी, कोई भी दूसरी भाषा सीखिए. लेकिन अपनी मातृभाषा को मत भूलिए.'

Bhasha

मातृभाषा के संरक्षण और संवर्द्धन का महत्व रेखांकित करते हए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि वह जहां भी जाते हैं इस मुद्दे को अवश्य उठाते हैं.

उन्होंने कहा, 'मैंने एक लक्ष्य तय किया है, मातृभाषा के संरक्षण का. देश में ‘मातृभाषाएं’ चाहे तेलुगू हो, तमिल, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, बंगाली, असमी या भोजपुरी हो, उनके संरक्षण की जरूरत है.'


नायडू ने कहा, 'सांस्कृतिक पुनर्जागरण की तरह सभी भाषाओं को बढ़ाने की जरूरत है और उनकी सुगंध और मधुरता को नई पीढ़ी तक ले जाने की जरूरत है. मैं जहां भी जाता हूं भाषाओं के बारे में बात करता हूं.'

वह तेलुगू साहित्य संगठन तेलंगाना सारस्वत परिषद् के 75वें समारोह के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी कोई दूसरी भाषा सीख सकता है लेकिन मातृभाषा नहीं भूलना चाहिए.

नायडू ने कहा, 'मैं अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हूं. आप अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी, कोई भी दूसरी भाषा सीखिए. लेकिन अपनी मातृभाषा को मत भूलिए. क्योंकि भाषा और अवबोधन साथ-साथ चलते हैं.' उन्होंने हिंदी के महत्व के बारे में भी बात की.

उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का तेलुगू को प्राथमिक स्तर से आवश्यक बनाने का निर्णय तेलुगू को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

नायडू ने निजाम काल में बाधाओं का सामना करने के बावजूद क्षेत्र में तेलुगू के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए परिषद् के योगदान की सराहना की.