view all

सट्टेबाजी, जुएबाजी को वैध करना सही नहीं, पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए:विधि आयोग

विधि आयोग की सिफारिश में बताया गया है कि जुए और सट्टे पर कैसे नकेल कस सकते हैं. इसके लिए तीन स्तर की रणनीति बताई गई है

FP Staff

विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान ने शनिवार को स्पष्ट किया कि सट्टेबाजी और जुएबाजी से जुड़ी उनकी रिपोर्ट को गलत समझा गया जबकि उन्होंने इन दोनों पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की थी.

जस्टिस चौहान ने कहा, विधि आयोग ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि मौजूदा हालात में देश के अंदर सट्टेबाजी और जुएबाजी को कानूनी अमलीजामा पहनाना उचित नहीं है. साथ ही अवैध सट्टेबाजी और जुएबाजी पर हर हाल में पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाना चाहिए.


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में जस्टिस चौहान ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारें अगर इसे वैध बनाना चाहती हैं तो कड़े नियम-कानून बनाने के लिए जो  कुछ किया जाना चाहिए, उस बारे में विधि आयोग ने कुछ सुझाव दिए हैं.

जस्टिस चौहान ने अपनी सिफारिश में कहा है, जुए पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकते तो इस पर काबू पाने के लिए कठोर नियमन ही एकमात्र उपाय है, जिस बारे में आयोग ने सुझाया है.

आयोग की सिफारिश में यह भी बताया गया है कि जुए और सट्टे पर कैसे नकेल कस सकते हैं. इसके लिए तीन स्तर की रणनीति बताई गई है-जुएबाजी (लॉटरी, घुड़दौड़) बाजार में सुधार लाना, अवैध जुएबाजी को नियमित करना और कड़े कायदे-कानून लागू करना.

जस्टिस चौहान ने कहा, सरकार अगर सट्टेबाजी और जुएबाजी को नियमित करना चाहती है तो वैसे लोगों की ऑनलाइन/ऑफलाइन जुएबाजी गतिविधियों पर रोक लगा देनी चाहिए जो सब्सिडी तो लेते हैं लेकिन आयकर कानून या जीएसटी कानून का पालन नहीं करते.

चौहान के मुताबिक विधि आयोग की सिफारिशों ने समाज के उन लोगों की सुरक्षा का सुझाव दिया है जो इन धंधों के शिकार बन जाते हैं.