राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में ‘100 मिलियन के लिए 100 मिलियन’ अभियान की शुरुआत की. यह अभियान कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन द्वारा चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य अगले 5 साल में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए दुनिया को प्रेरित करना है. इस मौके पर राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में हजारों बच्चे आए थे.
राष्ट्रपति ने कहा कि वंचित वर्गों के 10 करोड़ बच्चों के बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए 10 करोड़ युवकों को प्रेरित करने का यह वैश्विक प्रयास बदलाव की ऐसी शुरुआत है जिसकी जरूरत लंबे समय से थी.
'100 मिलियन के लिए 100 मिलियन' अभियान का लक्ष्य अगले 5 साल में मजदूरी, बाल बंधुआ मजदूरी, बच्चों के खिलाफ हिंसा और सुरक्षित, उन्मुक्त और शिक्षित होने के हर बच्चे के अधिकार को बढ़ावा देना है.
यह अभियान दुनिया भर के वंचित वर्गों के 100 मिलियन बच्चों के अधिकारों के लिए 100 मिलियन युवकों और बच्चों को प्रेरित करेगा.
इस अभियान के साथ ही दिल्ली में बाल अधिकारों को लेकर 'लॉरिएट्स एंड लीडर्स समिट फॉर चिल्ड्रेन 2016' का समापन हुआ. इस समिट में दुनिया भर के कई नोबेल पुरस्कार विजेता और नेता इकट्ठा हुए थे. दो दिनों के इस कार्यक्रम में बाल अधिकारों की सुरक्षा और उनके लिए लड़ने को एक जोरदार 'नैतिक ताकत' तैयार करने पर जोर दिया गया.
राष्ट्रपति ने कहा, विश्व ने विज्ञान व प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास और मानव प्रयासों के अन्य क्षेत्रों में भले ही प्रगति की हो, लेकिन अभी भी ऐसे 10 करोड़ से अधिक बच्चे हैं, जो 'स्कूलों से बाहर' हैं. उन्हें उनके बचपन से वंचित रखा जा रहा है और उन्हें विभिन्न प्रकार के शोषणों का सामना करना पड़ रहा है. दुनिया को यह महसूस करना चाहिए कि जब तक हमारे बच्चे सुरक्षित और हिफाजत से नहीं हैं, कोई भी प्रगति संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब तक बच्चों को मानवता के व्यापक हितों के लिए बदलाव का कारक बनने की आजादी और अवसर उपलब्ध नहीं कराया जाता, हम आगे नहीं बढ़ सकते. राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों को गरीबी, हिंसा और अभाव से दूर एक प्रकाशमय, उन्मुक्त और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.