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युवाओं को कट्टर बनाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा ले रहा सोशल मीडिया का सहारा

विशेषज्ञों का कहना है कि यह पाकिस्तान के भारत विरोधी अभियान और उसके द्वारा समर्थित आतंकवादी समूहों की साजिश है

FP Staff

भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा कश्मीर घाटी में में चलाए जा रहे आक्रामक अभियान की तपिश अब पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों पर भी पड़ रही है. इन आतंकी गुटों की हालत ऐसी हो गई है कि लोगों को अपने संगठन से जोड़ने के लिए इन्हें नए-नए तरीके अपनाने पड़ रहे हैं.

भारतीय सेना ने पिछले कुछ महीने में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कई बड़े नेताओं को जम्मू-कश्मीर में ठिकाने पहुंचाया है. इन्हीं सब को देखते हुए लश्कर-ए-तैयबा ने आतंकियों की भर्ती के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना शुरू किया है. अपने सोशल मीडिया रणनीति के तहत लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और अपने संगठन से जोड़ने का काम कर रहा है.


टाइम्स नाउ ने बताया कि उसने एक वीडियो देखा है जिसमें लश्कर-ए-तैयबा पाक और पीओके में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए सोशल मीडिया वर्कशॉप करा रहा है. इस वर्कशॉप में शामिल कुछ लड़के 15 साल के थे. विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी संगठन द्वारा चलाए जा रहे इस तरह के वर्कशॉप भयावह हैं. यह पाकिस्तान के भारत विरोधी अभियान और उसके द्वारा समर्थित आतंकवादी समूहों की साजिश है.