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जब PNB बैंक से लोन लेकर लाल बहादुर शास्त्री ने खरीदी थी कार

मगर लोन चुकाने से पहले ही लाल बहादुर शास्त्री जी का निधन हो गया

FP Staff

आम लोगों के लिए जीवन कैसे जिया जाता है इसकी मिसाल शायद लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से अच्छी और कुछ नहीं हो सकती. लाल बहादुर शास्त्री जी ने अपना पूरा जीवन आम लोगों को दिया. फिर वो चाहे रेल दुर्घटना के बाद रेल मंत्री पद से उनका इस्तीफा हो या 1965 के भारत पाकिस्तान युद्द में उनका नेतृत्व या फिर उनका जय जवान जय किसान का नारा ही क्यों न हों, उनका जीवन जीने के तरीके से हर किसी को प्रेरणा मिली.

लेकिन उनके जीवन जीने के इस तरीके की वजह से उनके परिवार को कई बार आर्थिक मुसीबतों का सामना भी करना पड़ता था. उनके प्रधानमंत्री बनने तक उनके पास खुद का घर तो क्या एक कार भी नहीं थी. ऐसे में उनके बच्चे उन्हें कहते थे कि प्रधानमंत्री बनने के बाद आपके पास एक कार तो होनी चाहिए.


इसके बाद शास्त्री जी ने अपना बैंक बैलंस चेक करवाया मगर उसमें मात्र 7,000 रुपए ही थे और उस समय कार की कीमत 12000 रुपए थी. ऐसे में उन्होंने पीएनबी से 5000 रुपए का लोन लिया और वो कार खरीदी. उस समय शास्त्री जी ने बैंक से कहा था कि आम लोगों के पास भी ये सुविधा होनी चाहिए.

इससे पहले की शास्त्री जी लोन चुका पाते उससे एक साल पहले ही उनका निधन हो गया.

उनके बाद प्रधानमंत्री बनी इंदिरा गांधी ने लोन माफ करने की पेशकश की लेकिन शास्त्री जी की पत्नी ललिता शास्त्री नहीं मानी और शास्त्री जी की मौत के चार साल बाद तक पेंशन से लोन का भुगतान करती रहीं.

बताया जाता है कि वो कार हमेशा लाल बहादुर शास्त्री जी के साथ रही और अभी भी वो दिल्ली लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल में रखी हुई है जिसे लोग दूर-दूर से देखने आते हैं.