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सुप्रीम कोर्ट में भ्रष्टाचार होने की बात से सहमत नहीं: कुरियन जोसेफ

रिटायरमेंट के बाद उन्होंने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कहा कि उस दौराम हम सब जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट सही दिशा में नहीं जा रहा है.

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश कुरियन जोसेफ साढ़े पांच साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो गए. कुरियन जोसेफ उन 4 वरिष्ठ जजों में शामिल थे, जिन्होंने 12 जनवरी को ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कहा कि उस दौराम हम सब जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट सही दिशा में नहीं जा रहा है. साथ ही जोसेफ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं है.

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कहा कि उस दौरान सभी जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट सही दिशा में नहीं जा रहा था. हमने कई पहलुओं की ओर इशारा किया और तत्कालीन सीजेआई के ध्यान में लाया. जब कोई परिणाम नहीं मिला तो इसे सार्वजनिक करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.


कुरियन जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान स्थिति को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि चीजों में सुधार हुआ है, कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें समय लगेगा क्योंकि सबकुछ एक दिन में नहीं बदला जा सकता. यह एक संस्था है और हम जहां खड़े हैं, वह एक संस्थागत प्रणाली है.

कुरियन जोसेफ ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों पर बोलते हुए कहा 'मैं वास्तव में कभी सहमत नहीं होऊंगा कि उच्च न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है. यदि यह निचली न्यायपालिका में है, तो यह राज्य की चिंता है. उच्च न्यायपालिका में यह मेरे नोटिस में नहीं आया है.

पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस

दरअसल, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस मदन बी लोकूर ने मामलों को चुनिंदा तरीके से आवंटित करने पर सवाल खड़े किए थे जिनमें सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया जैसे संवेदनशील मामले भी शामिल हैं. लोया की 1 दिसम्बर 2014 को मौत हो गई थी. वहीं जस्टिस रंजन गोगोई फिलहाल भारत के प्रधान न्यायाधीश हैं और जस्टिस चेलमेश्वर इस साल जून में रिटायर हो गए थे. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार 12 जनवरी को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पूरा देश स्तब्ध रह गया था.