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नहीं रहे 'जाने भी दो यारों' के निर्देशक कुंदन शाह

उनकी फिल्म जाने भी दो यारों के क्लाइमेक्स को हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन अंत में शामिल किया जाता है

FP Staff

हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्मों में शुमार फिल्म जाने भी दो यारों के निर्देशक कुंदन शाह का शनिवार 7 अक्टूबर को निधन हो गया. 69 साल के कुंदन नींद में थे जब दिल के दौरे से उनकी मौत हो गई.

फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट से पास हुए कुंदन ने जान भी दी यारों, क्या कहना, दिल है तुम्हारा जैसी फिल्में बनाईं. इसके साथ-साथ नुक्कड़ और वाग्ले की दुनिया जैसे क्लासिक धारावाहिक भी डायरेक्ट किए.


कुंदन शाह का सौभाग्य और दुर्भाग्य दोनों ही कहे जाएंगे कि उनकी फिल्म जाने भी दो यारों हिंदी सिनेमा में एक ऐसा मील का पत्थर बन गई जिसकी छाया से खुद कुंदन अपने करियर में नहीं निकल पाए. ओम पुरी, नरीरुद्दीन शाह, सतीश शाह, सतीश कौशिक और रवि वासवानी जैसे मंजे हुए कलाकारों से सजी इस फिल्म की लेखकीय टीम का हिस्सा विधु विनोद चोपड़ा और सतीश शाह भी थे. समाज में फैले भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करने वाली डार्क कॉमेडी का क्लाइमैक्स खासा लोकप्रिय है. महाभारत के किरदारों को लेकर बुनी गई सिचुएशन को हिंदी सिनेमा के चुनिंदा बेहतरीन अंत में से एक गिना जाता है.

कुंदन शाह समेत जाने भी दो यारों की टीम कई बार दोहरा चुकी है कि समाज में बढ़ती हुई धार्मिक कट्टरता के चलते अब इस तरह की फिल्म दुबारा शायद संभव नहीं है.