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कुलभूषण जाधव मामला: पाक को उसके अपनों ने ही लगाई लताड़

अनेक कानूनी विशेषज्ञों ने पाकिस्तानी रणनीति पर सवालिया निशान खड़े किए

Bhasha

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में निबटने के तरीकों पर पाकिस्तान सरकार को कड़ी निंदा का सामना करना पड़ रहा है.

अनेक कानूनी विशेषज्ञों ने पाकिस्तानी रणनीति पर सवालिया निशान खड़े किए और आईसीजे के इस मामले में न्यायाधिकार को स्वीकार करने पर सवाल खड़ा किया.


आईसीजे ने गुरुवार को 46 वर्षीय जाधव की सजाए मौत पर स्टे लगाने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद मामले से ‘खराब ढंग से निबटाने’ को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया. कईयों ने आईसीजे में पाकिस्तान का पक्ष पेश करने वाले खावर कुरैशी के चयन पर भी नाराजगी जताई गई.

पाक विशेषज्ञों ने कहा कि पाक को आईसीजे से हट जाना चाहिए था 

पाकिस्तान बार काउंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष फरोग नसीम के अनुसार पाकिस्तान को तत्काल 29 मार्च 2017 की अपनी अधिघोषणा वापस ले लेना चाहिए जिसमें उसने आईसीजे का अनिवार्य न्यायाधिकार स्वीकार किया है.

नसीम ने कहा कि जैसे ही भारत जाधव का मामला आईसीजे में ले गया पाकिस्तान को अपनी अधिघोषणा वापस ले लेनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान अदालत के समक्ष कश्मीर में मानवाधिकार के साफ उल्लंघन का मामला क्यों नहीं ले गया कि इस मामले में उसका पक्ष मजबूत था.’

अंतरराष्ट्रीय कानून के विशेषज्ञ पूर्व अतिरिक्त अटार्नी जनरल तारिक खोखर ने अफसोस जताया कि पाकिस्तान ने अधिसूचना के मार्फत आईसीजे का न्यायाधिकार स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही पाकिस्तान को पता चला कि भारत उसके खिलाफ आईसीजे का न्यायाधिकार लागू करेगा, उसे उससे हट जाना चाहिए.