अन्तराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) द्वारा 18 मई को कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि सारी दया याचिकाएं खत्म होने तक जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने बयान जारी कर ये बातें बतायीं. उन्होंने यह भी कहा कि बयान जारी करने का मकसद भारतीय मीडिया में चल रही 'गलत और मनगढ़ंत' खबरों पर विराम लगाना है.
सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति के समक्ष की सकती है अपील
प्रवक्ता ने बताया कि जाधव को तब तक फांसी की सजा नहीं दी जाएगी जब तक वह अपनी सारी दया याचिकाएं, पहली पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष, और दूसरी राष्ट्रपति के समक्ष, का इस्तेमाल नहीं कर लेता.
भारतीय मीडिया फैला रहा है झूठ
जकारिया ने भारत सरकार पर मीडिया का इस्तेमाल कर जाधव मामले में आईसीजे में जीत की 'फर्जी' खबर को फैलाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया ने अपने देश के सरकारी अधिकारियों के द्वारा दी गयी 'गलत' जानकारी के मुताबिक आईसीजे द्वारा दिए गए फैसले को 'जाधव की फांसी पर आईसीजे की रोक' बताया.
उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह पूरी तरह झूठ है.
जासूसी के आरोप में हुई थी फांसी
46 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी जिस पर आईसीजे ने 18 मई को रोक लगा दी थी.
जकारिया ने कहा कि अब तक केस कि सुनवाई पूरी नहीं हुई है इसलिए कोर्ट ने कहा है कि जाधव को सुनवाई पूरी होने तक फांसी न दी जाए. कोर्ट ने केस की योग्यता पर कोई सवाल नहीं उठाया है.
'यह कोई बड़ी बात नहीं है,' उन्होंने दबाव देकर कहा. 8 जून को कोर्ट द्वारा सुनवाई की समय-सारणी निर्धारित की जायेगी.
उल्टा भारत पर लगाया आरोप
उन्होंने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जाधव के 'कुबूलनामे' और बयानों को लेकर हमने भारत से 23 जनवरी, 2017 को जवाब माँगा था पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है.