रहीम-रसखान हों या फिर नज़ीर अकबराबादी और ताज बेगम. कृष्ण की भक्ति में डूबकर लिखने और गाने वाले ऐसे 50 गायकों के कलाम एक बार फिर जिंदा होंगे.
वृंदावन के अकबर ताल पर इन लोगों के कलाम सुनाई देंगे. इसके लिए वृंदावन में एनएच-2 से सटे अकबरताल पर कृष्ण के मुस्लिम भक्तों का स्मारक (गैलरी) बनाया जा रहा है. केन्द्र सरकार की मदद से द ब्रज फाउंडेशन इस स्मारक का निर्माण कर रहा है.
फाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायण ने बताया कि ये ताल मुगलकाल का है. अकबर ने इसका निर्माण कराया था.
इस ताल पर स्मारक का निर्माण कराए जाने के पीछे विनीत बादशाह अकबर, तानसेन और तानसेन के गुरु से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाते हैं.
विनीत ने बताया कि ताल के चारों ओर 50 शिलालेख लगवाए जाएंगे. शिलालेख पर रहीम, रसखान और नजीर अकबराबादी आदि के बारे में लिखा जाएगा.
उन्होंने कृष्ण के बारे में क्या गाया और क्या लिखा इसे एक ऑडियो गाइड के माध्यम से सुनाया जाएगा. स्मारक बनाने का काम ताल पर शुरू हो चुका है.
द ब्रज फाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायण का कहना है कि ये एक सांप्रदायिक सौहार्द्र पैदा करने वाली योजना है. देश के प्रमुख कव्वालों से उन कलामों को गवाया गया है. लोग आएंगे और हरे-भरे वातावरण में उन्हें सुनेंगे. इस योजना में राज्य और केन्द्र दोनों ही सरकार का सहयोग रहा है. आर्थिक मदद केन्द्र सरकार कर रही है.
कृष्ण के इन मुस्लिम भक्तों की मिलेगी जानकारी
इस कवियों और गायकों में रहीम, रसखान, अफसोस, दरिया साहब, कारे खां, करीम बक्स, कासिम अली, खुसरो, इन्शा, बाजिन्द, आदिल, मकसूद, फरहत, मौजदीन, वाहिद, काजिम, यकरंग, कायम, काजी अशरफ मसूद, आलम, महबूब, नफीस खलीली, सैयद शेष, नजीर अकबराबादी और ताज बेगम प्रमुख हैं.
(नासिर हुसैन की न्यूज 18 के लिए रिपोर्ट)