अंबेडकरवादी चिंतक डॉ. कृष्ण किरवाले पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में स्थित अपने मकान में आज मृत पाए गए. लेखक की किसी ने हत्या कर दी है.
पुलिस ने बताया कि राजेंद्रनगर स्थित उनके आवास से मिले शव पर चाकू से मारने के निशान मिले हैं.
62 वर्षीय किरावले कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय के मराठी विभाग के प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.
पुलिस ने बताया कि इस हत्या के सिलसिले में एक व्यक्ति को पकड़ा गया है. संदिग्ध व्यक्ति के मकान पर अज्ञात व्यक्ति ने पथराव किया.
किरवाले के प्रमुख योगदान में दलित एवं ग्रामीण साहित्य का शब्दकोश है. यह परियोजना राज्य सरकार के तहत चलाई गई थी. उनकी अन्य पुस्तकों में दलित साहित्यकार बाबूराव बांगुल की जीवनी शामिल है.
किरवाले ने अंबेडकरवादी साहित्य पर विशेष रूप से तथा मराठी साहित्य पर कई बार व्याख्यान दिये थे.
पुलिस अधिकारियों ने इस नृशंस हत्या के पीछे के संभावित कारणों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
किरवाले दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे. सेवा में रहते हुए वह विश्वविद्यालय के डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अनुसंधान एवं विकास केंद्र के भी प्रमुख थे.
किरवाले के निधन पर शोक जताते हुए विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सरकार को किरवाले की हत्या की जांच के आदेश देने चाहिए और दोषी को दंडित करना चाहिए.