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1 अगस्त से होगा पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा

पेट्रोलियम डीलर्स की मांग, पेट्रोल 1 रुपए प्रति लीटर और डीजल 0.72 रुपए प्रति लीटर कमीशन बढ़ाया जाए

FP Staff

पेट्रोल-डीजल पर मंगलवार 1 अगस्त से ग्राहकों को ज्यादा भुगतान करना होगा. दरअसल, ऑयल मार्केटिंग कंपनी (IOC, BPCL, HPCL) ने पेट्रोल-पंप मालिकों को दिए जाने वाले डीलर कमीशन को बढ़ाने का फैसला किया है. पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन मांग कर रही थी कि पेट्रोल के लिए 1 रुपए प्रति लीटर और डीजल के लिए 0.72 रुपए प्रति लीटर कमीशन बढ़ाया जाए. आपको बता दें कि डीलर कमीशन पेट्रोल-डीजल की कीमत का ही हिस्सा है, जिसका भुगतान ग्राहकों को करना होता है.

कितना बढ़ा है डीलर्स कमीशन


पेट्रोल पर डीलर्स कमीशन 1 अगस्त से पहले 2.55 रुपए प्रति लीटर और डीजल के लिए 1.65 रुपए प्रति लीटर था. ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन मांग कर रही थी कि पेट्रोल के लिए 1 रुपए प्रति लीटर और डीजल के लिए 0.72 रुपए प्रति लीटर कमीशन बढ़ाया जाए. एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने बताया कि कमीशन की नई दरें 1 अगस्त से लागू हो गई हैं.

रोजाना तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

अंतरराष्ट्रीय और क्रूड (कच्चे तेल) की कीमतों के साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतें दैनिक आधार पर संशोधित की जाती हैं. ऐसे में डीलर्स कमीशन बढ़ाए जाने के कारण क्रूड की कीमत यदि बढ़ती है, तो पेट्रोल की कीमतों में तेज वृद्धि दिखेगी और यदि कच्चे तेल की कीमत कम होती है, तो कीमत में कम कमी देखने को मिलेगी.

इसलिए बढ़ाया गया कमीशन

डीलर एसोसिएशन ने 16 जून से खुदरा कीमतों में दैनिक परिवर्तन किए जाने के बाद से ही हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे थे. उनका दावा था कि नई प्रणाली से जब क्रूड और रिटेल प्राइस कम होने से उनका मार्जिन कम हो रहा है.

डीलर्स ने दावा किया है कि वर्तमान में खर्च को पूरा करने और फायदा कमाने के लिए दिया जाने वाला कमीशन बहुत कम है. राष्ट्रीय औसत बिक्री प्रति आउटलेट 170 किलोलीटर ईंधन हर महीने है. बंसल ने कहा कि इस बिक्री को संभालने के लिए एक डीलर को केवल 14 पैसे प्रति लीटर बचता है, जो प्रति माह करीब 25,000 रुपए का लाभ देता है. यह रकम मजदूरी, बिजली बिल जैसी ऑपरेशनल कॉस्ट और ईंधन के वाष्पीकरण के कारण होने वाले नुकसान के बाद बचती है. उन्होंने दावा किया कि करीब 1 फीसदी ईंधन वाष्पीकृत हो जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले छह से आठ महीनों में विभिन्न राज्यों में मजदूरी की लागत करीब 42 फीसदी बढ़ गई है.

(साभार न्यूज़ 18)