केरल की एक महिला शिक्षिका को अपनी फेसबुक वॉल पर यह पोस्ट करना भारी पड़ गया कि मंगलवार को सबरीमाला मंदिर के द्वार खुलने के बाद वह भगवान अयप्पा के दर्शन करने के लिए जाएंगी. दरअसल जैसे ही रेशमा निशांत नाम कि महिला शिक्षिका ने यह पोस्ट किया उसके तुरंत बाद उनके घर को हिंदू संगठनों के कुछ सदस्यों ने घेर लिया. वह लोग घर के बाहर नारेबाजी करने लगे और धमकी देने लगे कि वह किसी भी स्थिति में उन्हें मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया था. जिसके कारण केरल में व्यापक विरोध हुआ. इस बार मंगलवार को मंदिर के द्वार खुलने हैं ऐसे में विरोध और तेज हो गया है. विरोध के चलते कई अनुयाइयों नें तो महिलाओं के प्रवेश को रोकने के लिए उनको जान से मारने तक की धमकी दी है.
मासिक धर्म भी अन्य शारीरिक निर्वहनों की तरह
हालांकि कन्नूर जिले की 32 वर्षीय कॉलेज प्रोफेसर ने इन सबसे बेफिक्र हो कर फेसबुक पर पोस्ट कर दिया. उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में सभी को जाने की अनुमति दे दी है तो ऐसे में मेरी भी इच्छा है कि मैं भी भगवान के दर्शन करूं. उन्होंने लिखा, 'इसमें कुछ भी क्रांतिकारी नहीं है, भगवान में विश्वास करने वाले किसी व्यक्ति का यह कदम भविष्य में पवित्र मंदिर में प्रवेश करने के लिए कई और विश्वासियों में साहस पैदा कर सकता है.'
उन्होंने कहा कि क्योंकि वह मासिक धर्म को अन्य शारीरिक निर्वहन की तरह मानती है. ऐसे में उनका मानना है कि वह शुद्धता के बाद मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने रविवार को उनके घर पर आ कर उन्हें धमकाया उनमें से कई लोगों को वह पहचानती भी हैं.