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KATHUA RAPE CASE: इस्तांबुल की भारत विरोधी टीशर्ट वाली तस्वीर की असलियत जान लें

संभावना है कि ये तस्वीर पाकिस्तान के सोशल मीडिया सेल ने फैलाई हो, इस तरह की और तस्वीरें पहले भी फैलाई जा चुकी हैं

FP Staff

कश्मीर के कठुआ में रेप की घटना के बाद देश भर में विरोध, चर्चा, प्रदर्शन बहुत कुछ चल रहाहै. इस घटना के विरोध में तमाम तरह की बातों के बीच इस्तामंबुल एयरपोर्ट की कथित तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इन फोटो में लोग सफेद टीशर्ट पहने हैं जिनमें भारत विरोधी बातें लिखी हैं. एक में लिखा है कि अपनी महिलाओं को भारत भेजने से बचें. एक और टीशर्ट में भारत में गाय से कम 'पवित्र' होने की बात कही गई है. इस तस्वीर को कई लोगों ने ट्वीट किया है. इसपर बहस शुरू हो गई है.

मधु किश्वर ने ये तस्वीर ट्वीट की है. इसके बाद इस तस्वीर का वो वर्जन भी सामने आया जिसमें इन दो लोगों की टीशर्ट पर कुछ नहीं लिखा है. इसपर लोगों ने सवाल उठाए हैं कि कैसे पता कि बिना लिखी वाली टीशर्ट सच्ची है. हो सकता है कि असली कही जा रही फोटो फेक हो.


मधु किश्वर के ट्वीट में ही लोगों ने उन्हें जवाब दे दिया

कौन सी तस्वीर असली है?

जिन तस्वीरों में टीशर्ट पर भारत और महिलाओं से जुड़ी बातें लिखी हैं वो नकली हैं. इसको जानने के लिए आपको किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है. फोटो को ध्यान से देखें. पीठ पर जहां टेक्स्ट लिखा है वहां टीशर्ट पर पड़ी सिलवटें गायब हो जाती है. इसके साथ ही एक रैक्टैंगल बना दिखता है.

इस तस्नवीर में पीठ पर बना चौकोर आकार और अचानक गायब हुई सिलवटें देखें.

दरअसल फोटोशॉप में एक ऑप्शन होता है, मास्किंग. मास्किंग में एक सतह को दूसरी पर लगाया जा सकता है. अगर याद हो तो कुछ समय पहले झरने में नरेंद्र मोदी के चेहरे वाली एक तस्वीर काफी शेयर हुई थी. इस तस्वीर को भी इसी तरह से बनाया गया था. इनके अलावा सड़क पर खड़े एक आदमी की तस्वीर दिख रही है. इसमें पड़ रही छाया को देखें.

चूंकि तस्वीरें बहुत सामान्य सी हैं इसलिए इन सबके असली वर्जन को इंटरनेट पर तलाशना बहुत मुश्किल है. फिर भी जो पता चल रहा है इसके मुताबिक ये तस्वीर इस्तांबुल एयरपोर्ट की है और इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई है.

इन तस्वीरों के फेक होने के और भी कई पुख्ता कारण हैं. आपको सिर्फ ऐसी तस्वीर मिलेगी जिसमें किसी की पीठ पर ऐसा कुछ टेक्स्ट लिखा होगा. न उस आदमी का चेहरा दिखेगा, न टीशर्ट कहीं बिकती दिखाई देगी. एक सामान्य सी चीज़ है. अगर मुझे या किसी भी व्यक्ति को देश के बाहर, भारत विरोधी नारों वाली कोई चीज़ बिकती दिखेगी, हमारा पहला रिएक्शन होगा कि उस दुकान की तस्वीर खींच कर पोस्ट करें. अगर किसी को इतना गुस्सा होगा कि वो पूरी दुनिया में इस मामले को फैलाए तो वो शख्स या उसके दोस्त सबसे पहले खुद पोस्ट करेंगे.

इन सबके बाद भी एक और कारण है जिसके चलते इस तस्वीर के नकली होने पर भरोसा होता है. इस्तांबुल एयरपोर्ट की ये खबर आपको जिन वेबसाइट्स पर मिल रही हैं उनमें से ज्यादातर पाकिस्तान की हैं. पाकिस्तान डिफेंस और ऐसी तमाम वेबासाइट्स पहले भी इस तरह की फेक तस्वीरें वायरल करने के लिए जानी जाती हैं. कुछ समय पहले ही एक दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा की तस्वीर में प्लकार्ड पर लिखे टेक्स्ट को बदल कर वायरल किया गया था. भारत में भी कई लोगों ने जेएनयू के भारत विरोधी होने के पूर्वाग्रह के चलते उसे खूब शेयर किया. और तो और इन टीशर्ट्स पर लिखी अंग्रेजी भी ग्रामर के हिसाब से गलत है. इसमें  BEWARE IN लिखा है जबकि चेतावनी के लिए BEWARE OF इस्तेमाल होता है. ऐसी गलती इंशाअल्लाह, बॉयज़ से हो जाती है.

सोशल मीडिया पर जब भी कुछ ऐसा दिखे जो आपको गुस्सा दिलाता हो तो मान लीजिए कि ज्यादातर मामलों में वो फेक ही होगा.