view all

कठुआ रेप केस: बार काउंसिल ने वकीलों से हड़ताल वापस लेने को कहा

बार काउंसिल का यह निर्णय उनकी आम सभा की बैठक के बाद आया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीआई को नोटिस दिए जाने के बाद रविवार को यह बैठक बुलाई गई

Bhasha

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने रविवार को जम्मू और कठुआ के बार संगठनों से हड़ताल वापस लेने को कहा और पांच सदस्यीय एक टीम को कठुआ बलात्कार मामले में वकीलों के कथित कदाचार की घटना की जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया. इस टीम की अध्यक्षता हाईकोर्ट के एक पूर्व प्रमुख न्यायाधीश करेंगे.

बार काउंसिल के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि अगर कोई वकील दोषी पाया जाता है तो काउंसिल वकालत के उनके लाइसेंसों को रद्द तक करने की हद तक जा सकता है.


उन्होंने कहा , 'बीसीआई ने एक निर्देश जारी किया और जम्मू हाईकोर्ट के बार संगठन और कठुआ बार संगठन से हड़ताल तत्काल खत्म करने की अपील की. हमने उनसे आग्रह किया और इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कल एक विशेष बैठक बुलाने का निर्देश दिया है.'

बार काउंसिल का यह निर्णय उनकी आम सभा की बैठक के बाद आया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीआई को नोटिस दिए जाने के बाद रविवार को यह बैठक बुलाई गई.

कठुआ में आठ साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कठुआ और जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन द्वारा बुलाई गई हड़ताल पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वंत: संज्ञान लेते हुए इन बार संगठनों को नोटिस जारी किया.

जम्मू बार एसोसिएशन ने 13 अप्रैल को कहा था कि वह 'बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं की बढ़ती अवैध मौजूदगी' के खिलाफ अपनी हड़ताल को 17 अप्रैल तक बढ़ाएंगे. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कठुआ बलात्कार व हत्या मामले में सीबीआई जांच को लेकर उनके प्रदर्शन को गलत ढंग से प्रस्तुत कर 'सांप्रदायिक' रंग दिया गया.

बीसीआई के अध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम 20 अप्रैल को जम्मू जाएगी और सभी संबंधित पक्षों से बातचीत करने के बाद अपनी रिपोर्ट बार काउंसिल को सौंपेगी जो बाद में इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगा.