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कठुआ रेप केस: एक पुलिस अफसर जिसने पूरी गुत्थी 10 दिन पहले सुलझा दी

इस पूरे केस को SIT ने 10 दिन पहले सुलझा दिया. SIT टीम का नेतृत्व जम्मू के एसएसपी रमेश कुमार जल्ला कर रहे थे

FP Staff

कठुआ गैंगरेप मामले में हुई क्रूरता के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस पूरे मामले को जम्मू के एसएसपी रमेश कुमार जल्ला ने कैसे सुलझाया? आइए इस काबिल ऑफिसर और केस के बारे में जानते हैं-

जम्मू के क्राइम ब्रांच के एसएसपी रमेश कुमार जल्ला कश्मीरी पंडित हैं और उनका परिवार उन्हीं लोगों में है जो अपनी प्रोपर्टी और घर छोड़कर कश्मीर के बाहर रहने लग गए हैं, लेकिन यह सब बातें उनकी जिम्मेदारी के आड़े कभी नहीं आईं. उन्होंने आठ वर्षीय बच्ची को न्याय दिलाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. रमेश कुमार ने जब आरोपियों को पकड़ नहीं लिया उन्होंने चैन की सांस नहीं ली.


जल्ला की टीम के द्वार पेश सबूतों के मुताबिक, आठ वर्षीय बच्ची का अपहरण हुआ था और उसे कठुआ में मंदिर में रखा गया था. यहां उस पर अत्याचार हुए थे और उसका मर्डर कर दिया गया था. 9 अप्रैल को जल्ला की टीम ने समय पर इस मामले की जांच पूरी कर ली थी और इसकी चार्जशीट भी दे दी थी, जबकि हाईकोर्ट ने इसके लिए उन्हें 19 अप्रैल का दिन दिया था. अपनी जांच के दौरान उन्होंने कई तरह के प्रोटेस्ट का सामना किया. यहां तक कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली.

इस चार्जशीट में आरोपी के तौर पर चार पुलिसकर्मियों और एक रिटार्ड सरकारी अफसर का भी नाम शामिल था. चार्जशीट के मुताबिक, रिटायर्ड सरकारी अधिकारी इस क्राइम का मास्टरमाइंड था.

चार्जशीट में इसका उल्लेख है कि अपराध का उद्देश्य जनजातीय बेकरवाल समुदाय को हिंदू बहुसंख्यक क्षेत्रों से डराना था. इस पूरे मामले की जांच के लिए रमेश कुमार जल्ला के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया था. इस पूरे मामले की जांच में SIT को कई परेशानियों को सामना करना पड़ा. जल्ला ने जांच के दौरान कई ठोस सबूत भी इकट्टा किए. इसके बाद जब पीड़िता की तस्वीर ली गई तो उस पर मिट्टी के निशान नहीं थे. इसके बाद जल्ला को शक हुआ कि पुलिस में कोई व्यक्ति है जो आरोपियों की मदद कर रहा है.