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यूपी: ठाकुरों के इस गांव में पहली बार किसी दलित की घोड़ी पर निकली बारात

कासगंज के निजामपुर गांव में करीब 400 राजपूत और बाकी अन्य जातियों के लोग रहते हैं. गांव की कुल संख्या 500 है. ऐसे में गांव के राजपूत दलितों की बारात को अपने घरों से निकालने की इजाजत नहीं देते

FP Staff

यूपी के कासगंज के निजामपुर गांव में बीते रविवार को पहली बार किसी दलित की बारात घोड़ी पर निकली. पिछले 80 सालों से इस गांव में किसी भी दलित की बारात नहीं आई थी. ऐसे में रविवार को यूपी पुलिस की निगरानी में दलित युवक संजय और शीतल की शादी संपन्न हुई. बारात निकलने के दौरान एडीएम एएसपी, एसडीएम समेत कई सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद रहीं.

बता दें कि इस जोड़े की शादी अक्टूबर-2017 में ही तय हुई थी. लेकिन बारात निकालने को लेकर विवाद था. दलित युवक का कहना था कि गांव के ठाकुर बारात निकालने का विरोध कर रहे हैं. दलित युवक संजय ने इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन से लेकर हाईकोर्ट तक गुहार लगाई. 8 अप्रैल को प्रशासन ने तय किया की पुलिस की मौजूदगी में बारात निकाली जाए.

कासगंज के निजामपुर गांव में करीब 400 राजपूत और बाकी अन्य जातियों के लोग रहते हैं. गांव की कुल जनसंख्या 500 है. ऐसे में गांव के राजपूत दलितों की बारात को अपने घरों से निकालने की इजाजत नहीं देते. लेकिन शीतल और संजय के मामले के सामने आने के बाद प्रशासन ने तय किया कि इनकी बारात गांव के ट्यूबवेल से उठेगी और राजपूतों के कुछ घरों के आगे से निकलते हुए जाएगी. फैसले के दो महीने बाद,15 जुलाई को कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों की शादी करवा दी गई.

ANI के मुताबिक शादी से पहले शीतल ने कहा कि गांव में रहने वाले ऊंची जाति के लोगों ने हमसे कहा कि हमारे गांव में ऐसा कभी नहीं हुआ. हम पर हमला करने की धमकी भी दी गई. हमें पुलिस सुरक्षा मिली हुई है इस वजह से अभी डर नहीं है. बता दें कि शीतल को पिछले दो महीने से पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी.