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कासगंज हिंसा: सोशल मीडिया में 'मृत' घोषित कर दिया गया शख्स बोला- मैं जिंदा हूं

सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि एक हिंदू शख्स की मौत हो गई है, इस अफवाह का सिर्फ एक मकसद था कासगंज हिंसा को और बढ़ाना

FP Staff

कासगंज हिंसा में मृत घोषित किए जाने की अफवाहों के बीच एक शख्स पुलिस स्टेशन पहुंचा और अपने जीवित होने का प्रमाण दिया. पुलिस ने बताया कि कासगंज की हिंसा में सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाया गया कि 24 साल के राहुल उपाध्याय की मौत हो चुकी है. अफवाहों से उलट राहुल जिंदा हैं.

सोशल मीडिया से फैली इन अफवाहों को कुछ स्थानीय अखबारों ने भी जगह दे दी. इसके बाद राहुल के पास लगातार कॉल आने लगे. कॉल करने वाले उनसे उनकी मौत के बारे में ही बात करते. राहुल को पहली बार लगा कि कोई मजाक कर रहा है लेकिन जब कॉल आने की घटना नहीं थमी तब उन्हें समझ आ गया कि मामला गंभीर है और कुछ गलत हो गया है.


किसान परिवार से आने वाले राहुल अलीगढ़ स्थित अपने गांव नागला खांजी में थे जब उन्हें अपनी ही मौत के बारे में पता चला. राहुल ने कहा कि मुझे एहसास हो गया कि लोग मेरी मौत की खबर को फैलाकर हिंसा को और बढ़ावा देना चाहते हैं. इस तरह के अफवाह फैलाने वालों का मकसद यह था कि एक हिंदू मारा गया है कह कर हिंसा को बढ़ावा दिया जा सकें. इन्हीं सब बातों को लेकर मैं थाना और जिला प्रशासन के पास पहुंचा.

सोमवार को अलीगढ़ आईजी संजीव गुप्ता ने राहुल से कहा कि ज्यादा से ज्यादा मीडियकर्मियों से मुलाकात करिए जिससे सोशल मीडिया पर चल आपकी मौत की अफवाहों को खारिज किया जा सकें.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह हम लोगों के लिए भी चौंकाने वाला था. इस इलाके में इस नाम का कोई शख्स नहीं रहता है, लेकिन कुछ लोग अफवाह फैला रहे थे. हमने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है.