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कर्नाटक: एनजीओ का दावा- 15 लाख मुस्लिमों के पास नहीं है 'वोट का अधिकार'

दिल्ली के एक एनजीओ ने दावा किया है कि कर्नाटक के करीब 15 लाख मुस्लिमों को वोटर लिस्ट में नहीं नामांकित किया गया है

FP Staff

कर्नाटक में कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में दिल्ली के एक एनजीओ ने दावा किया है कि कर्नाटक के करीब 15 लाख मुस्लिमों को वोटर लिस्ट में नहीं नामांकित किया गया है. अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी या समुदाय ने इन पर ध्यान भी नहीं दिया है.

कारवां के मुताबिक सेंटर फॉर रिसर्च एंड डिबेट्स इन डेवेलेपमेंट पॉलिसी (CRDDP) के हेड अबूसालेह शरीफ ने इन लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए एक अभियान चलाया है.


अपने पहले हफ्ते में CRDDP ने पाया कि कर्नाटक में करीब 15 लाख मुस्लिमों के पास वोटर आईडी नहीं है. एनजीओ की टीम में कई सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो इन लोगों के घर की सही जानकारी मुहैया करा रहे हैं. इसके साथ वह राजनीतिक पार्टियों और प्रतियोगियों को भी इस बारे में जानकारी दे रहे हैं जिससे इन लोगों को आसानी से वोटिंग प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जा सके.

मार्च के पहले हफ्ते में जानकारी जुटाने के बाद एनजीओ के सदस्यों ने अल्पसंख्यक कमिशन से मुलाकात की थी. इसके बाद एनजीओ का प्रत्येक वोलेंटियर लोगों के घर तक गया और जिनके पास भी वोटर आईडी कार्ड नहीं था उनका वोटर लिस्ट में नामांकन करवाने में मदद की गई. आखिरकार धीरे-धीरे कोशिश रंग लाने लगी और हजारों लोगों ने उनकी अपील पर अपना नामांकन करवाया.

(तस्वीर प्रतीकात्मक है)