view all

सांप्रदायिक हिंसा के केस वापिस ले सकती है कर्नाटक सरकार, ध्रुवीकरण का आरोप

बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ऐसे कदम उठा कर सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी कुछ मुसलमानों की मदद कर रही है

FP Staff

कर्नाटक में एक सरकारी सर्कुलर ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच नया विवाद खड़ा कर दिया है. दरअसल सरकार ने ज़िले के पुलिस प्रमुख और कुछ कमिश्नर को एक सर्कुल भेजा है जिसमें उनसे सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी के खिलाफ केस वापस लेने पर राय मांगी गई है.

बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ऐसे कदम उठा कर सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी कुछ मुसलमानों की मदद कर रही है. जबकि कांग्रेस ने इसे बीजेपी का झूठा प्रचार करार दिया है. ये सर्कुलर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस शिवप्रकाश ने 22 एसपी और कुछ कमिश्नर को भेजा है.


बीजेपी की सांसद शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों को खुश करनी की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा 'अगर ये मुसलमानों को खुश करने की राजनीति नहीं है तो और क्या है? सिद्धारमैया की सरकार सिर्फ वोट लेने के लिए गंभीर मामलों में फंसे लोगों के बचाने की कोशिश कर रही है. हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे.'

कर्नाटक में विपक्ष के नेता केएस ईश्वरप्पा के मुताबिक कांग्रेस की ये 'डबल गेम कॉम्यूनल पॉलिटिक्स' है. पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा है कि राज्य में चुनाव से पहले सिद्धारमैया की सरकार डिप्रेशन में चली गई है.

जवाब में बीजेपी पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार किसान और कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी केस वापस ले रही है. उन्होंने कहा 'हमलोग सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि सारे बेकसूर लोगों के खिलाफ केस वापस ले रहे हैं. बीजेपी को कर्नाटक में हार का डर सता रहा है इसलिए वो झूठ फैला रहे हैं. सर्कुलर में कहीं भी ये नहीं लिखा है कि मुसलमान के खिलाफ केस वापस लिए जाए ये सिर्फ बीजेपी की कल्पना है’.

(साभार न्यूज18)